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हिसार लाठीचार्ज : किसान महापंचायत में हुए कई बड़े फैसले, 8 नवंबर को होगा डीसी-एसपी दफ्तर का घेराव - हिसार लाठीचार्ज लेटेस्ट अपडेट

नारनौंद पुलिस थाने में चल रही किसानों की महापंचायत (Farmers' Mahapanchayat) खत्म हो गई है. इस महापंचायत में किसान नेताओं ने पुलिस की तरफ से दर्ज केस रद्द होने तक किसी भी हाल में थाने से धरना खत्म नहीं करने का फैसला किया है.

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Published : Nov 6, 2021, 6:45 PM IST

हांसी:जिला हिसार (Hisar) के नारनौंद पुलिस थाने में किसानों पर लाठीचार्ज और दर्ज मुकदमें के खिलाफ महा पंचायत (Farmers Protest in Narnaud Police station) हुई. इस महापंचायत में स्थानीय नेताओं समेत सयुंक्त मोर्चा से भी कई बड़े नेता पहुंचे. हालांकि राकेश टिकैत के पहुंचने की खबर थी, लेकिन वह नहीं पहुंचे. पंचायत में पहुंचे किसान नेताओं ने सर्वसम्मती से एक कमेटी बनाई है और फैसला किया है कि थाने से धरना तब तक नहीं हटेगा, जब तक किसानों पर दर्ज केस रद्द नहीं होते.

8 नवंबर को होगा डीसी-एसपी दफ्तर का घेराव

पंचायत में कमेटी ने फैसला लिया कि प्रकरण में घायल किसान कुलदीप की पत्नी की तरफ से सांसद रामचंद्र जांगड़ा और उनके समर्थकाें के खिलाफ एसपी-डीसी को शिकायत दी जाएगी.

शिकायत में सांसद रामचंद्र जांगड़ा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी. पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि हांसी की एसपी किसान को मिर्गी के दौरे का मरीज बता कर सबको गुमराह कर रही हैं.

कमेटी ने ये भी फैसला किया है कि 8 नवंबर को सभी किसान संगठन और खाप एसपी हांसी के कार्यालय का घेराव करेंगी. कमेटी ने कहा कि 8 फर्जी धाराओं के साथ झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है. जब तक इस मुकदमे को खारिज नहीं किया जाता, तब तक थाने का मैदान खाली नहीं किया जाएगा और धरना जारी रहेगा. घायल किसान कुलदीप को लेकर पंचायत में नेता विकास सीसर ने कहा कि अगर कुलदीप को कुछ हो गया, तो हम उसका अंतिम संस्कार नहीं करेंगे. दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर लेकर जाएंगे.

क्यों हुआ था किसानों पर लाठीचार्ज :शुक्रवार को सांसद रामचंद्र हिसार के नारनौंद में जांगड़ा धर्मशाला की नींव रखने के लिए पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि कार्यक्रम की सूचना किसानों को भी मिल गई थी और किसान बड़ी संख्या में विरोध करने के लिए एकजुट हो गए. दूसरी तरफ प्रशासन की तरफ से भी मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था. जैसे ही सांसद को पुलिस दूसरे रास्ते से लेकर आई तो किसान विरोध करने के लिए सामने आ गए और पुलिस के साथ धक्का मुक्की शुरू हो गई. इसी बीच सांसद रामचंद्र की गाड़ी का शीशा भी टूट गया.

किसानों ने पुलिस सुरक्षा तोड़कर सांसद का विरोध करना शुरू किया और बैरिकेडिंग से आगे बढ़ने लगे, जिससे पुलिस और किसानों के बीच टकराव हो गया. इसके बाद पुलिस ने किसानों पर हल्का बल प्रयोग करना शुरू कर दिया. किसानों की तरफ से कहा जा रहा है कि किसानों को पुलिस ने पीटा, जिसमें कई किसानों को चोट आई.

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