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US President Race : भारतीयों का बढ़ता दबदबा, निकी और विवेक के बाद हर्षवर्धन उतरे मैदान में

अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों का दबदबा बढ़ता जा रहा है. भारतीय मूल की कमला हैरिस अभी अमेरिका की उप राष्ट्रपति हैं. अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए दो भारतवंशी पहले ही दावा ठोक चुके हैं. अभ उसमें तीसरे का भी नाम जुड़ गया है. ये हैं हर्षवर्धन सिंह. इनसे पहले निकी हेली और विवेक रामास्वामी भी चुनाव लड़ने की घोषणा कर चुके हैं.

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अमेरिकी राष्ट्रपति की रेस में भारतीय

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Published : Jul 30, 2023, 3:55 PM IST

नई दिल्ली : पहले निक्की हेली, फिर विवेक रामास्वामी और अब हर्षवर्धन सिंह. तीनों में एक फैक्टर कॉमन है. तीनों ही भारतीय मूल के नेता हैं और तीनों ने अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की रेस में शामिल होने की घोषणा की है.

निक्की हेली दक्षिण कैरोलिना की एक्स गवर्नर हैं. विवेक रामास्वामी उद्योगपति हैं, जबकि हर्षवर्धन सिंह एयरोस्पेस इंजीनियर हैं. हर्षवर्धन सिंह रिपब्लिकन पार्टी से हैं. उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी ब्लड वाले उम्मीदवार हैं. हर्षवर्धन ने 2009 में न्यू जर्सी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है.

रिपब्लिकन की ओर से उम्मीदवार - रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वह चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, वह हाल के दिनों में जिस तरह के कानूनी पचड़ों में पड़ते जा रहे हैं, आगे क्या होगा, यह जटिल सवाल है. रिपब्लिकन की ओर से माइक पेंस, रॉन डेसेंटिस, क्रिस क्रिस्टी, रयान बिंकले भी दावा ठोक रहे हैं. बिंकले पादरी हैं. पेंस उप राष्ट्रपति रह चुके हैं. रॉन फ्लोरिडा के गवर्नर रह चुके हैं. इसी तरह से क्रिस क्रिस्टी न्यू जर्सीके पूर्व गवर्नर रह चुके हैं. इन सारे दिग्गज उम्मीदवारों के बीच भारतीय मूल के उम्मीदवारों का दंभ भरना अमेरिका में अपना प्रभुत्व जमा रहे भारतीयों का आत्मविश्वास ही है.

क्या कहा हर्षवर्धन सिंह ने - एक दिन पहले हर्षवर्धन सिंह ने औपचारिक रूप से उम्मीदवारी का ऐलान किया. उन्होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर जानकारी साझा की. अपने संदेश में उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से प्रयासरत हैं. उन्होंने बताया कि 2020 में वह अमेरिकी सिनेट की रेस में पीछे रह गए थे. 2017 में उन्होंने न्यू जर्सी में अपनी पार्टी के रूढ़िवादी विंग को बहाल करने में मदद की थी. वह 38 साल के हैं.

हर्षवर्धन सिंह अमेरिकी मूल्यों पर हो रहे हमलों का खुलकर जवाब देते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पारिवारिक मूल्यों और माता-पिता के अधिकारों पर हमले हो रहे हैं, जिसका प्रतिवाद करने की जरूरत है. सिंह ने बताया कि अमेरिका को बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों और बड़े-बड़े फार्मा एस्टेबलिशमेंट्स से खतरा है. उनके अनुसार इनसे सावधान रहने की जरूरत है.

कोरोना के दौरान बड़े-बड़े फार्मा सेक्टर्स ने जिस तरीके से पूरे अमिरका को मजबूर कर दिया था, हर्षवर्धन सिंह इस पर बिल्कुल ही अलग राय रखते हैं. इसका उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि इन कंपनियों ने सभी अमेरिकी नागरिकों को टीका लेने के लिए बाध्य कर दिया और इसके जरिए उन्होंने बड़ा मुनाफा कमाया. सिंह ने कहा कि ये बिग ब्रदर की तरह व्यवहार करते रहे, इन्होंने हमारी गोपनीयता पर भी प्रहार किया. सिंह ने कहा कि यही वजह है कि मैंने कभी भी टीका नहीं लगवाया. अपने संदेश में हर्षवर्धन सिंह ने कहा कि अमेरिकी मूल्यों को बहाल करने के लिए हमें मजबूत नेतृत्व की जरूरत है.

हर्षवर्धन सिंह अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बड़े प्रशंसक हैं. सिंह ने कहा कि अमेरिका को ट्रंप जैसे व्यक्ति की जरूरत है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका को पुराने राजनेताओं की जगह नए नेताओं को आगे बढ़ाना चाहिए. सिंह ने अपने आपको सबसे बेहतर उम्मीदवार बताया.

वैसे, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रिपब्लिकन पार्टी की ओर से जितने भी नेता दावा कर रहे हैं, उनमें ट्रंप की लोकप्रियता सबसे अधिक हैं. अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट में मॉर्निंग कंसल्ट पोल का परिणाम प्रकाशित किया गया है. इसके मुताबिक रिपब्लिकन उम्मीदवारों के बीच 59 मतदाता ट्रंप को दोबारा से राष्ट्रपति बनते हुए देखना चाहते हैं. आठ फीसदी लोग रामास्वामी को पसंद करते हैं. इसी तरह से छह प्रतिशत पेंस और दो फीसदी स्कॉट को पसंद करते हैं. वैसे, ट्रंप के बाद दूसरे स्थान पर डेसेंटिस हैं. 16 फीसदी लोग उन्हें पसंद कर रहे हैं. हर्षवर्धन को 2003 में अमेरिकन इंस्टीट्यूट ऑफ एरोनॉटिक्स एंड एस्ट्रोनॉटिक्स द्वारा सम्मानित किया जा चुका है.

कौन हैं विवेक रामास्वामी - वह एक व्यवसायी हैं. उनका फार्मा सेक्टर और टेक सेक्टर में बिजनेस है. फरवरी महीने में राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए रामास्वामी ने कहा था कि उन्होंने सपने में अपने आप को राष्ट्रपति के तौर पर देखा है. उनका संबंध केरल से है. उनके माता पिता केरल से ही अमेरिका आए थे. रामास्वामी की शिक्षा-दीक्षा अमेरिका के ओहियो शहर में हुई है. वह भी रिपब्लिकन पार्टी की ओर से हैं. रामास्वामी का कहना है कि किसी भी समाज को आगे बढ़ना है तो उसे टैलेंट को पहचानना होगा और उसे सामने भी लाना होगा.

कौन हैं निक्की हेली- निक्की हेली दक्षिण कैरोलिना की दो बार गवर्नर रह चुकी हैं. वह यूएन में अमेरिका का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं. वह तीन चुनावों से राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल रही हैं. हेली का पंजाब प्रांत से संबंध हैं. उनका जन्म सिख माता-पिता के घर हुआ था. उनके पिता का नाम अजीत सिंह रंधावा और माता का नाम राज कौर रंधावा है. रंधावा दंपती साठ के दशक में पंजाब से कनाडा और फिर वहां से अमेरिका चले गए.

फिर से चुनाव लड़ेंगी कमला हैरिस - भारतीय मूल की कमला हैरिस इस समय अमेरिका की उप-राष्ट्रपति हैं. उन्होंने पहले ही घोषणा कर रखी है कि वह फिर से चुनाव लड़ेंगी. वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन भी अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव दोबारा लड़ेंगे. कमला हैरिस भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक हैं. उनकी मां चेन्नई से संबंध रखती हैं. उनके पिता जमैकन मूल के हैं. कमला हैरिस की मां श्यामा गोपालन हैरिस कैंसर शोधकर्ता थीं. उनका निधन 2009 में हुआ था.

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