नई दिल्ली : पहले निक्की हेली, फिर विवेक रामास्वामी और अब हर्षवर्धन सिंह. तीनों में एक फैक्टर कॉमन है. तीनों ही भारतीय मूल के नेता हैं और तीनों ने अमेरिका में अगले साल होने वाले राष्ट्रपति चुनाव की रेस में शामिल होने की घोषणा की है.
निक्की हेली दक्षिण कैरोलिना की एक्स गवर्नर हैं. विवेक रामास्वामी उद्योगपति हैं, जबकि हर्षवर्धन सिंह एयरोस्पेस इंजीनियर हैं. हर्षवर्धन सिंह रिपब्लिकन पार्टी से हैं. उन्होंने कहा कि वह अमेरिकी ब्लड वाले उम्मीदवार हैं. हर्षवर्धन ने 2009 में न्यू जर्सी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है.
रिपब्लिकन की ओर से उम्मीदवार - रिपब्लिकन पार्टी की ओर से डोनाल्ड ट्रंप पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि वह चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, वह हाल के दिनों में जिस तरह के कानूनी पचड़ों में पड़ते जा रहे हैं, आगे क्या होगा, यह जटिल सवाल है. रिपब्लिकन की ओर से माइक पेंस, रॉन डेसेंटिस, क्रिस क्रिस्टी, रयान बिंकले भी दावा ठोक रहे हैं. बिंकले पादरी हैं. पेंस उप राष्ट्रपति रह चुके हैं. रॉन फ्लोरिडा के गवर्नर रह चुके हैं. इसी तरह से क्रिस क्रिस्टी न्यू जर्सीके पूर्व गवर्नर रह चुके हैं. इन सारे दिग्गज उम्मीदवारों के बीच भारतीय मूल के उम्मीदवारों का दंभ भरना अमेरिका में अपना प्रभुत्व जमा रहे भारतीयों का आत्मविश्वास ही है.
क्या कहा हर्षवर्धन सिंह ने - एक दिन पहले हर्षवर्धन सिंह ने औपचारिक रूप से उम्मीदवारी का ऐलान किया. उन्होंने सोशल मीडिया ट्विटर पर जानकारी साझा की. अपने संदेश में उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से प्रयासरत हैं. उन्होंने बताया कि 2020 में वह अमेरिकी सिनेट की रेस में पीछे रह गए थे. 2017 में उन्होंने न्यू जर्सी में अपनी पार्टी के रूढ़िवादी विंग को बहाल करने में मदद की थी. वह 38 साल के हैं.
हर्षवर्धन सिंह अमेरिकी मूल्यों पर हो रहे हमलों का खुलकर जवाब देते हैं. उन्होंने कहा कि हमारे पारिवारिक मूल्यों और माता-पिता के अधिकारों पर हमले हो रहे हैं, जिसका प्रतिवाद करने की जरूरत है. सिंह ने बताया कि अमेरिका को बड़ी-बड़ी टेक कंपनियों और बड़े-बड़े फार्मा एस्टेबलिशमेंट्स से खतरा है. उनके अनुसार इनसे सावधान रहने की जरूरत है.
कोरोना के दौरान बड़े-बड़े फार्मा सेक्टर्स ने जिस तरीके से पूरे अमिरका को मजबूर कर दिया था, हर्षवर्धन सिंह इस पर बिल्कुल ही अलग राय रखते हैं. इसका उल्लेख करते हुए सिंह ने कहा कि इन कंपनियों ने सभी अमेरिकी नागरिकों को टीका लेने के लिए बाध्य कर दिया और इसके जरिए उन्होंने बड़ा मुनाफा कमाया. सिंह ने कहा कि ये बिग ब्रदर की तरह व्यवहार करते रहे, इन्होंने हमारी गोपनीयता पर भी प्रहार किया. सिंह ने कहा कि यही वजह है कि मैंने कभी भी टीका नहीं लगवाया. अपने संदेश में हर्षवर्धन सिंह ने कहा कि अमेरिकी मूल्यों को बहाल करने के लिए हमें मजबूत नेतृत्व की जरूरत है.