नई दिल्ली :खनन क्षेत्र की प्रमुख कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (Hindustan Zinc Limited - HZL) के CEO अरुण मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि कंपनी अगले पांच वर्षों में अपनी आठ खदानों में डीजल से चलने वाले वाहनों और उपकरणों को बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहनों (battery electric vehicles) से बदलने के लिए करीब एक अरब डॉलर (करीब 7,440 करोड़ रुपये) निवेश करेगी.
कंपनी ने भूमिगत खनन में बैटरी चालित सेवा उपकरण हासिल करने के लिए प्रौद्योगिकी फर्म नॉर्मेट ग्रुप ओए के साथ एक समझौता किया है और वह पहले चरण में अपनी भूमिगत खदानों में तीन नॉर्मेट स्मार्टड्राइव ईवी - स्प्रेमेक, एजिटेटर और चार्मेक को तैनात करेगी.
मिश्रा ने कहा, 'हमारे पास अपने सभी मौजूदा उपकरणों को बदलने के लिए अगले पांच वर्षों की समय सीमा है. जब भी मौजदा वाहनों को बदलने की जरूरत होगी, उन्हें बैटरी से चलने वाले उपकरणों से बदल दिया जाएगा, ताकि पांच से छह वर्षों में हमारी खदानें डीजल संचालित उपकरणों से मुक्त हो सकें. हमारे पास ऐसे वाहन 10, 20 नहीं, बल्कि सैकड़ों हैं.'
यह पूछने पर कि इस कवायद में कंपनी कितना निवेश करेगी, उन्होंने कहा, 'यह प्रतिवर्ष 20 से 25 करोड़ डॉलर तक जा सकता है और पांच साल की समय सीमा के लिए यह लगभग एक अरब डॉलर होगा.'