नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले की निवासी और दिल्ली में काम करने वाली महिला ने अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा के साथ-साथ निजता के अधिकार की भी मांग की है. इस महिला ने अपनी याचिका में कहा है कि धर्म परिवर्तन के कारण उसके और उसके परिवार को निशाना बनाया जा रहा है और मीडिया में उनके बारे में दुर्भावनापूर्ण सामग्री छापी जा रही है जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए.
रेणु से आयशा बनीं महिला, मिल रही जान से मारने की धमकियां - दिल्ली में धर्म परिवर्तन
इस्लाम धर्म अपनाने वाली एक हिंदू महिला ने दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) से अपने और अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है. महिला के अनुसार जबसे उसने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म (Islam religion) अपनाया है तब से उन्हें जान से मारने की धमकी मिल रही है और उत्तर प्रदेश पुलिस, मीडिया तथा स्वयंभू सतर्कता समूह उसके पीछे पड़े हुए हैं.
27 मई को दिल्ली में अपनाया इस्लाम धर्म
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता (महिला) वयस्क हैं और संविधान उन्हें अपना धर्म चुनने का अधिकार देता है और वह जिस धर्म को मानने का, चुनने का निर्णय लेती है उसके लिए उन्हें प्रताड़ित नहीं किया जा सकता, उन्हें निशाना नहीं बनाया जा सकता. महिला की ओर से पेश अधिवक्ता कमलेश कुमार मिश्रा ने कहा कि याचिका पर संभवत: बुधवार को सुनवाई हो सकती है. याचिका के अनुसार रेणु गंगवार उर्फ आयशा अल्वी (Renu Gangwar aka Ayesha Alvi)ने 27 मई को दिल्ली में इस्लाम धर्म (Islam religion) अपना लिया था और 23 जून से जब वह शाहजहांपुर में थी तब उनके पास मीडियाकर्मियों के फोन आने लगे जिसमें उनसे मिलने का अनुरोध किया गया लेकिन उन्होंने मना कर दिया. महिला ने कहा कि उनकी इजाजत के बगैर मीडियाकर्मी उनके घर आ गए और उनकी तस्वीरें, वीडियो लेने लगे और उन्हें धमकी भरे फोन भी आने लगे कि धर्म परिवर्तन की खबर मीडिया में अपने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा तथा फोन पर उनसे पैसे भी मांगे गए.
महिला ने कहा इसके बाद उनमें से एक ने उनसे जबरदस्ती 20,000 रुपये ले लिए जबकि अन्य ने भी उनसे तथा उनके परिवार से पैसे उगाहने की कोशिश की. याचिका में कहा गया कि उनके धर्म परिवर्तन के बारे में मीडिया में अनर्गल तथा काल्पनिक जानकारियां दी जा रही हैं.
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महिला ने याचिका में कहा कि 24 जून को उन्होंने दिल्ली पुलिस आयुक्त से भी इसकी शिकायत की थी और सुरक्षा की मांग की थी.
(पीटीआई-भाषा)