दिल्ली

delhi

Hindu Refugees Protest: जमीन मापी करने पहुंचे एसडीओ का हिंदू शरणार्थियों ने किया विरोध, हाईकोर्ट ने 17 मार्च तक हटाने का दिया है आदेश

By

Published : Mar 15, 2023, 6:32 PM IST

Updated : Mar 15, 2023, 10:12 PM IST

झारखंड में बांग्लादेश से आए हिंदू शरणार्थी मुश्किल में घिर गए हैं. झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर राजमहल एसडीओ राधानगर के इलाके में जमीन से अवैध कब्जा हटवाने बुधवार को पहुंचे थे, लेकिन हिंदू शरणार्थियों ने इसका विरोध कर दिया. स्थानीय लोगों ने प्रशासन को जमीप की मापी करने से रोक दिया. लोगों ने कहा कि हमने अपना पक्ष रखने के लिए हाईकोर्ट में आवेदन दिया है. क्या है पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Hindu refugees protested against administration
Hindu refugees protested against administration

देखें वीडियो

साहिबगंज: राजमहल अनुमंडल क्षेत्र के राधानगर थाना के पूर्वी नारायणपुर में करीब 2500 बीघा जमीन पर वर्षों से रह रहे 650 हिंदू शरणार्थी परिवारों को घर खाली कराने का आदेश झारखंड हाइकोर्ट ने जिला प्रशासन को दिया है. 17 मार्च तक घरों को खाली कराने का आदेश है. इसको लेकर राजमहल एसडीओ रोशन कुमार बुधवार को दल-बल के साथ जमीन की मापी करने पहुंचे तो लोगों ने इसका विरोध किया और मापी करने से रोक दिया. नोटिस आने के बाद लोगों की आंखें खुली और लोगों ने हाइकोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए आवेदन दिया है. वहीं मामले में उपायुक्त ने कहा कि फिलहाल किसी को विस्थापित नहीं किया जाएगा, लेकिन कुछ भूमि की मापी की जाएगी, क्योंकि जमीन का अब तक सर्वे नहीं हुआ है.
ये भी पढे़ं-Bangladeshi Infiltration in Sahibganj! साहिबगंज में बांग्लादेशी युवक गिरफ्तार, बताई सिलहट बॉर्डर से भारत में घुसने की पूरी कहानी

1965 में कई हिंदू परिवारों ने बांग्लादेश से आकर भारत में ली थी शरणः दरअसल, मामला 1965 का है जब भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हुआ तो पूर्वी पाकिस्तान वर्तमान में बांग्लादेश से शरणार्थी हिन्दू परिवार अपना धर्म बचाने के लिए भारत में शरण ले लिया. भारत सरकार ने उन्हें वसो-वास कराया. वर्ष 1971 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में भारत की नागरिकता भी इन्हें मिली थी. वर्ष 1987 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर के कार्यकाल में इन शरणार्थियों को 2500 बीघा एक्वायर कर जमीन का कागजात दिया गया था. जिसका सबूत इनके पास है. करीब 60 वर्षों से उस जमीन पर लोग घर बनाकर रह रहे हैं और जीविकोपार्जन कर रहे हैं. बिहार से झारखंड प्रांत बनने के बाद ये लोग झारखंड के नियम-कानून के दायरे में आ गए हैं.
17 मार्च तक अवैध कब्जे वाली जमीन खाली करने का है आदेशः इधर, साहिबगंज के विभिन्न क्षेत्रों में हर दिन बंगलादेशी घुसपैठ का मामला सामने आता रहता है. वहीं दूसरे पक्ष के लोग इन शरणार्थियों के आसपास की जमीन पर मालिकाना हक जताकर जिला प्रशासन और हाइकोर्ट का सहारा ले रहे हैं. 2012-2013 से दूसरा पक्ष हावी हुआ. दूसरा पक्ष जिसमें पूर्वी नारायणपुर के मुर्गी टोला निवासी मो युसुफ समेत अन्य ने उपायुक्त के न्यायालय में मामले रखा था. मामला काफी दिनों से लंबित था. वर्ष 2020 में उपायुक्त ने दूसरे पक्ष के हक में फैसला सुनाया. इसी को आधार बनाकर लोगों ने रांची हाइकोर्ट में केस फाइल की है. प्रथम पक्ष का किसी प्रकार का दस्वावेज नहीं आने से हाइकोर्ट ने भी 17 मार्च तक इन शरणार्थियों के अवैध कब्जे वाली जमीन को खाली कराने का आदेश जारी किया है.
पीड़ित परिवारों ने कहा-सारे दस्तावेज हैं हमारे पासः इधर पीड़ित परिवारों ने कहा कि करीब 60 से 65 साल से 650 परिवार यहां रह रहे हैं. सरकार हर सुविधा दे रही है. सारे कागजात हमारे पास हैं. दूसरे पक्ष के पास कुछ भी कागजात नहीं हैं. जानबूझ कर हमलोगों को परेशान किया जा रहा है. पहले भी समझौता दोनों पक्षों के बीच हुआ था, लेकिन हाइकोर्ट ने एक पक्ष के बयान पर फैसला सुना दिया है. लोगों ने कहा कि जान दे देंगे, लेकिन जमीन नहीं देंगे. जमीन से जुड़ी और नागरिकता के सारे प्रमाण हमारे पास हैं.
प्रशासन फिर करेगा कार्रवाईःवहीं मामले में राजमहल एसडीओ रोशन कुमार ने कहा कि हाइकोर्ट के आदेश पर मापी करने पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों ने मापी करने से मना कर दिया है. हालांकि कुछ जमीन की मापी की गई है. हाइकोर्ट के आदेश पर एक बार फिर से कार्रवाई की जाएगी.

जमीन से किसी को नहीं हटाया जाएगाः वहीं मामले में उपायुक्त राम निवास यादव ने कहा कि फिलहाल किसी को जमीन से हटाया नहीं जाएगा, लेकिन जमीन का सर्वे नहीं हुआ है. इस कारण कुछ जमीन की मापी करायी जाएगी.

Last Updated : Mar 15, 2023, 10:12 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details