उत्तरकाशी (उत्तराखंड):उत्तरकाशी के पुरोला में 15 जून को होने वाली हिंदू संगठनों की महापंचायत का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट, उत्तराखंड से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तक पहुंच गया है. डीयू के दो प्रोफेसर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर महापंचायत पर रोक लगाने की मांग की थी. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी याचिका को सुनने से इनकार कर दिया. इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने नैनीताल हाईकोर्ट का रुख किया है.
दूसरी तरफ जमीयत उलेमा-ए-हिंद के मौलाना महमूद असद मदनी ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है. इसके अलावा उत्तरकाशी प्रशासन ने भी महापंचायत पर रोक के लिए पुरोला में धारा 144 लागू कर दी है. चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखी जा रही है. जिले के सभी बॉर्डर सील कर दिए गए हैं. हालांकि, हिंदू संगठन अभी भी महापंचायत के फैसले से पीछे नहीं हटे हैं.
धारा 144 लागू, बॉर्डर सील:उत्तरकाशी शहर के हनुमान मंदिर में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के प्रदेश अध्यक्ष अनुज वालिया ने मीडिया से कहा कि पुरोला में महापंचायत निश्चित समय और तय स्थान पर ही होगी. वह स्वयं इसके लिए पुरोला जा रहे हैं. अनुज वालिया ने कहा कि पुरोला में महापंचायत को रोकने का कार्य जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन कर रहा है. वहां पर धारा 144 लगा दी गई है. हर तरीके से महापंचायत को विफल करने का प्रयास जिला और पुलिस प्रशासन कर रहा है. इसको बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि सभी हिंदू संगठनों का महापंचायत को लेकर समर्थन है और महापंचायत हर हाल में होगी. किसी भी दशा में उत्तराखंड की शांत वादियों में लव जिहाद, लैंड जिहाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
'जिहादियों को दिया जा रहा संरक्षण':अनुज वालिया ने कहा कि हम किसी धर्म के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन हमारी देवभूमि की बेटियों के साथ गलत व्यवहार करने वाले को बख्शा नहीं जाएगा. वालिया ने कहा कि प्रशासन लव जिहादियों को बचा रहा है. पहाड़ और हिंदुत्व को बचाने के लिए बजरंग दल किसी का भी सामना कर सकता है. उन्होंने कहा पुरोला में महापंचायत रोकने की हिंदुओं के खिलाफ बड़ी साजिश है. महापंचायत को शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना था. प्रशासन जिहादियों को संरक्षण देने का काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि धारा 144 लागू होने पर भी महापंचायत से पीछे नहीं हटेंगे.