हावेरी (कर्नाटक):जिन गांवों में मुस्लिम परिवार रहते हैं, वहां उर्स मनाना आम बात है. इसी तरह जिन गांवों में हिंदू और मुसलमान रहते हैं, वहां दोनों धर्मों के लोग मिलकर उर्स मनाते देखे जा सकते हैं, लेकिन कर्नाटक के हावेरी जिले में एक ऐसा गांव में हैं जहां एक मुस्लिम फैमिली नहीं फिर भी लोग धूमधाम से उर्स मनाते हैं.
हावेरी तालुक के कोननतांबिगे गांव में हिंदुओं उर्स मनाया जाता है. यहां उर्स रविवार (कल) से शुरू हो गया है और तक 5 दिनों तक चलेगा. गांव के बाहरी इलाके में यमनूर भी हिंदू परिवार बड़े हर्षोल्लास के साथ उर्स मनाते हैं. उर्स उत्सव के भाग के रूप में यमनूर राजभक्त मूर्ति के देवता का एक जुलूस भी आयोजित किया जाता है.
कोननतांबिगे गांव के पास वरदा नदी के तट पर एक विशेष पूजा के बाद उर्स की शुरुआत की जाती है. इस दौरान गांव में एक जुलूस भी निकाला जाता है. यह जुलूस नदी किनारे से शुरू होकर गांव के मुख्य मार्गों से होकर निकलता है. जुलूस के गुजरते ही सैकड़ों महिलाओं और पुरुषों ने राजभक्त की पूजा की. मान्यता है कि इस तरह से भगवान को प्रणाम करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
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बता दें कि राजभक्त की मूर्ति को गांव के एक घर में स्थापित किया जाता है. वरदा नदी में स्नान करने के बाद लोग उर्स में लगी दुकानों से मुक्तुम चीनी, नमक, घोड़े, ध्वजा चढ़ाने और तेल सहित विभिन्न वस्तुओं को खरीदते हैं और भगवान राजभक्त को चढ़ाते हैं.