नई दिल्ली : दिल्ली के बॉर्डरों पर तीन कृषि कानूनों के विरोध में पिछ्ले 11 महीने से आंदोलन जारी है, लेकिन बुधवार को एक अप्रत्याशित वाकया देखने को मिला, जब उत्तर प्रदेश से सैकड़ों की संख्या में गाड़ियां सिंघु बॉर्डर के नजदीक पहुंच गई, जिसमें लगभग 4000 की संख्या में किसान सवार थे.
किसान नेता चंद्रमोहन के नेतृत्व में यह किसान हिंद मजदूर किसान समिति नामक संगठन के बैनर के साथ यहां पहुंचे थे. बुधवार को दिल्ली पुलिस ने इन्हें सिंघु बॉर्डर से पहले ही रोक दिया और नरेला में यह किसान रातभर रुके, जिसके बाद गुरुवार को इन्होंने सिंघु बॉर्डर पर निहंग सिखों द्वारा मारे गए युवक लखबीर सिंह के लिए हवन पूजा की. बाद में किसान नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात करने गया.
हालांकि, गृह मंत्री से उनकी मुलाकात नहीं हो पाई, लेकिन गृह मंत्रालय के अधिकारी से मुलाकात कर किसान नेताओं ने अपनी मांग रखी कि मृतक लखबीर सिंह के परिवार को 50 लाख का मुआवजा और घर के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए.
दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने हिंद किसान मजदूर समिति को भाजपा और आरएसएस के लोग बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश से यह लोग सिंघु बॉर्डर पर चल रहे शांतिपूर्ण आंदोलन में बाधा डालने के लिए पहुंचे थे. किसान मोर्चा ने इसे भाजपा और आरएसएस की एक साजिश करार दिया.