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हिमंत बिस्वा ने 'ब्राह्मण-शूद्र' पोस्ट के लिए जताया खेद, कहा- असम जातिविहीन राज्य - विवादास्पद एफबी पोस्ट

CM Himanta Biswa Sarma apologized : सोशल मीडिया पर कथित रूप से जातियों से संबंधित गीता का श्लोक पोस्ट करने के बाद विवाद खड़ा हो गया. जिसके बाद सीएम ने हिमंत बिस्वा सरमा माफी मांगी. उन्होंने लिखा कि यह अनुवाद की गलती थी जिसे ध्यान में आते ही तुरंत हटा लिया गया.

Assam CM apologizes for wrong posts spreading Gita words on social media
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Dec 29, 2023, 8:58 AM IST

गुवाहाटी:असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक्स पर अपने अब हटाए गए पोस्ट के लिए माफी मांगी है. जिसमें उन्होंने लिखा था कि ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वैश्यों की सेवा करना शूद्रों का स्वाभाविक कर्तव्य है. इस पोस्ट पर विवाद खड़ा हो गया था. विपक्षी नेताओं ने इस पोस्ट के बाद भाजपा की मनुवादी विचारधारा की निंदा की.

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हिंदुत्व स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के विपरीत है. ओवैसी ने कहा कि यह उस दुर्भाग्यपूर्ण क्रूरता में परिलक्षित होता है जिसका असम के मुसलमानों ने पिछले कुछ वर्षों में सामना किया है.

विवाद के बाद हिमंत ने गुरुवार को माफी मांगी और कहा कि यह भगवद गीता के एक श्लोक का गलत अनुवाद था. जैसे ही मैंने गलती देखी, मैंने तुरंत पोस्ट हटा दी. महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव के नेतृत्व में सुधार आंदोलन के लिए धन्यवाद, असम राज्य एक जातिविहीन समाज की एक आदर्श तस्वीर दर्शाता है. असम के मुख्यमंत्री ने लिखा कि अगर हटाए गए पोस्ट से किसी को ठेस पहुंची है, तो मैं ईमानदारी से माफी मांगता हूं.

उन्होंने कहा कि वह नियमित रूप से अपने सोशल मीडिया हैंडल पर हर सुबह भगवद गीता का एक श्लोक अपलोड करते रहे हैं. उन्होंने लिखा कि मैंने अब तक 668 श्लोक पोस्ट किए हैं. हाल ही में, मेरी टीम के एक सदस्य ने अध्याय 18 श्लोक 44 से एक श्लोक गलत अनुवाद के साथ पोस्ट किया जिसे मैंने गलती ध्यान में आते ही तुरंत हटा दिया.

इस पोस्ट के बाद असम के सीएम को घेरते हुए एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने एक्स पर पोस्ट किया कि असम के सीएम ने समाज के बारे में अपने दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने लिखा कि खेती, गाय पालन और वाणिज्य वैश्यों का प्राकृतिक कर्तव्य है और ब्राह्मणों, क्षत्रियों और वैश्यों की सेवा करना शूद्रों का प्राकृतिक कर्तव्य है.

उन्होंने लिखा कि संवैधानिक पद पर रहते हुए, आपकी शपथ प्रत्येक नागरिक के साथ समान व्यवहार करने की है. यह उस दुर्भाग्यपूर्ण क्रूरता में परिलक्षित होता है जिसका असम के मुसलमानों ने पिछले कुछ वर्षों में सामना किया है. हिंदुत्व स्वतंत्रता, समानता, बंधुत्व और न्याय के विपरीत है.

कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी सीएम पर हमला करते हुए पूछा कि क्या पीएम और राष्ट्रपति हिमंत बिस्वा की जातिवादी टिप्पणियों से सहमत हैं. फिर अगर आप उससे कुछ कहेंगे, तो वह अपनी पुलिस भेज देगा. लेकिन ऐसी मूर्खतापूर्ण टिप्पणियों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. क्या राष्ट्रपति भवन, पीएमओ हिमंत बिस्वा सरमा की जातिवादी टिप्पणियों से सहमत हैं?

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