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नेपाल को रोशन कर रही हिमाचल से जुड़ी कंपनी, चीन को पछाड़ कर नेपाल में हाइड्रोपावर सेक्टर का 'सिरमौर' बनी SJVNL

बिजली के क्षेत्र में हिमाचल से जुड़ी कंपनी नेपाल को भी रोशन कर रही है. नेपाल में बिजली उत्पादन के लिए एसजेवीएनएल कंपनी नेपाल में तीन परियोजनाओं पर काम कर रही है. नेपाल सरकार अपने यहां ऊर्जा सेक्टर के विकास में भारत के सहयोग के प्रति नतमस्तक है. नेपाल में एसजेवीएनएल जिस तरह से तय समय पर प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा है, उससे खुश होकर नेपाल सरकार ने कंपनी के सीएमडी नंदलाल शर्मा को कई बार सम्मानित भी किया है.

नेपाल में एसजेवीएनएल
नेपाल में एसजेवीएनएल

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Published : Sep 16, 2022, 8:53 PM IST

शिमला: हिमाचल और नेपाल के सदियों पुराने रिश्तों (Relationship between Himachal and Nepal) में देवभूमि की कंपनी नई रोशनी भर रही है. नेपाल में हिमाचल की ही तरह हाइड्रो पावर की अपार संभावनाएं हैं. उन्हीं संभावनाओं को हिमाचल में स्थापित देश की नवरत्न कंपनी सतलुज जलविद्युत निगम लिमिटेड साकार कर रही है. एसजेवीएनएल नेपाल में तीन परियोजनाओं पर काम कर रही है.

नेपाल में बिजली उत्पादन के लिए तीन परियोजनों पर काम कर रही एसजेवीएन कंपनी: बड़ी बात है कि वैश्विक कंपीटिशन में चीन को पछाड़कर एसजेवीएनएल ने नेपाल में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट स्थापित करने को लेकर बीड की जंग जीती थी. इस समय एसजेवीएनएल नेपाल में 2059 मेगावाट की तीन परियोजनाओं पर तेज गति से काम कर रही है. इनमें 900 मेगावाट की अरुण-3, 669 मेगावाट की लोअर अरुण परियोजना व 490 मेगावाट की अरुण-4 परियोजना है. ये नेपाल की अरुण नदी बेसिन पर निर्मित हो रही हैं. एसजेवीएनएल नेपाल में 5000 मेगावाट के प्रोजेक्ट्स का लक्ष्य पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा है. कंपनी ने ये टारगेट 2030 तक पूरा करना है.

चीन को पछाड़ कर नेपाल में हाइड्रोपावर सेक्टर का सिरमौर बनी SJVN: उल्लेखनीय है कि नेपाल में अरुण बेसिन पर निर्मित की जा रही 679 मेगावाट की लोअर अरुण परियोजना को हासिल करने के लिए चीन सहित कई अन्य देशों की कंपनियां कंपीटिशन में थीं, लेकिन एसजेवीएनएल ने सबको पछाड़ कर ये अहम प्रोजेक्ट (Hydropower Sector in Nepal) हासिल किया है. एसजेवीएनएल की हाइड्रो पावर सेक्टर में दक्षता के कारण ही उसे नेपाल, भूटान आदि में भी प्रोजेक्ट मिले हैं. हिमाचल सहित देश के अन्य राज्यों में भी एसजेवीएनएल की धाक है. इसे केंद्र सरकार की तरफ से मिनी नवरत्न कंपनी घोषित किया गया है.

नेपाल में एसजेवीएनएल.

नेपाल सरकार एसजेवीएनएल के सीएमडी नंदलाल शर्मा को कर चुकी है सम्मानित: नेपाल में एसजेवीएनएल जिस तरह से तय समय पर प्रोजेक्ट्स को पूरा करने की दिशा में बढ़ रहा है, उससे खुश होकर नेपाल सरकार ने कंपनी के सीएमडी नंदलाल शर्मा को कई बार सम्मानित भी किया है. इसी कड़ी में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा (Nepal Prime Minister Sher Bahadur Deuba) ने हाल ही में सीएमडी नंदलाल शर्मा को टोकन ऑफ एप्रिसिएशन भी प्रदान किया है. इन्वेस्टमेंट बोर्ड ऑफ नेपाल की तरफ से आयोजित समारोह में ये सम्मान प्रदान किया गया. इससे पहले भी विभिन्न अवसरों पर नेपाल सरकार एसजेवीएनएल के सीएमडी नंदलाल शर्मा को सम्मानित कर चुकी है.

नेपाल सरकार एसजेवीएनएल के सीएमडी नंदलाल शर्मा को कर चुकी है सम्मानित

ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नेपाल को भारत की मदद: दरअसल, नेपाल सरकार अपने यहां ऊर्जा सेक्टर के विकास में भारत के सहयोग के प्रति नतमस्तक है. एसजेवीएनएल ने भी तीनों परियोजनाओं को समय से पहले पूरा करने का आश्वासन दिया है. वैसे भी समय पर प्रोजेक्ट्स पूरा करने में कंपनी की साख है. उल्लेखनीय है कि पिछले ही साल नेपाल सरकार व एसजेवीएनएल में 679 मेगावाट की लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना को लेकर सहमति हुई थी. नेपाल के निवेश बोर्ड की बैठक (Nepal Investment Board meeting) में इस परियोजना को एसजेवीएनएल को अवॉर्ड किया गया था. उस समय बैठक की अध्यक्षता नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने की थी.

बता दें कि लोअर अरुण प्रोजेक्ट नेपाल के संखु वासभा और भोजपुर जिलों में स्थित है. परियोजना के पूर्ण होने पर प्रतिवर्ष 3561 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन (power generation in nepal) होगा. इस परियोजना से पहले एसजेवीएनएल कानेपाल में 900 मेगावाट अरुण-3 जल विद्युत परियोजना और 217 किलोमीटर 400 केवी संबंधित ट्रांसमिशन सिस्टम का निर्माण चल रहा है. लोअर अरुण जल विद्युत परियोजना को शामिल करने पर एसजेवीएनएल का पोर्टफोलियो 8960.5 मेगावाट हो गया था.

हिमाचल में नाथपा झाकड़ी परियोजना इंजीनियरिंग की मिसाल: एसजेवीएनएल की हिमाचल में स्थापित नाथपा-झाकड़ी परियोजना (Nathpa Jhakri Project in Himachal) इंजीनियरिंग की उत्कृष्ट उदाहरण है. यहां बताना जरूरी है कि एसजेवीएनएल की साख को बढ़ाने में सीएमडी नंदलाल शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान है. वे 11 साल से भी अधिक समय से एसजेवीएनएल से जुड़े हैं. नंदलाल शर्मा की कार्यक्षमता और अनुभव को देखते हुए राज्य तथा केंद्र सरकार उन्हें पावर सेक्टर में निरंतर सेवाएं देने के लिए राजी है.

एसजेवीएनएल में निदेशक नंदलाल शर्मा.

नंदलाल शर्मा 22 मार्च, 2011 से एसजेवीएनएल में निदेशक (कार्मिक) कार्यरत थे. वे छह साल पहले सीएमडी बने थे. नंदलाल शर्मा एसजेवीएनएल (SJVNL CMD Nandlal Sharma) में जुलाई 2008 से प्रतिनियुक्ति पर कार्यकारी निदेशक के तौर पर भी सेवाएं देते रहे. उनके पास कार्मिक एवं प्रशासनिक सेवाओं का तीन दशक का अनुभव है. एसजेवीएनएल एक सूचीबद्ध कंपनी है. इसमें केंद्र सरकार की 64.46 प्रतिशत व हिमाचल सरकार की 25.51 प्रतिशत शेयर होल्डिंग है. इसके अलावा नियमों के अनुसार जनता की 10.03 फीसदी की शेयर होल्डिंग है. एसजेवीएनएल हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार, गुजरात, राजस्थान व अरुणाचल प्रदेश के अलावा पड़ोसी देशों नेपाल व भूटान में विद्युत परियोजनाएं चला रहा है.

नेपाल में सभी प्रोजेक्ट्स सही समय पर पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही कंपनी: हिमाचल प्रदेश के ऊना जिला से संबंध रखने वाले नंदलाल शर्मा ने नौणी स्थित डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी यूनिवर्सिटी से बीएससी एग्रीकल्चर की शिक्षा हासिल की है. एग्रीकल्चर इकोनॉमी में ही वे एमएससी ऑनर्स हैं. उन्होंने फैकल्टी ऑफ इकोनॉमिक्स यूनिवर्सिटी ऑफ स्लोवेनिया यूरोप से एमबीए की है. नंदलाल शर्मा का कहना है कि एसजेवीएनएल नेपाल में तय समय में सभी प्रोजेक्ट्स पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रहा है. उनका कहना है कि एसजेवीएनएल की पावर सेक्टर में अलग पहचान है और वे इसे कायम रखने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं.

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