पणजी : हिमाचल प्रदेश के नवनियुक्त राज्यपाल राजेंद्र अर्लेकर ने शुक्रवार को कहा कि पद की शपथ लेने के बाद उनके सामने पहला काम यह सुनिश्चित करना होगा कि पहाड़ी राज्य के लोग उन्हें अपना समझें. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में लंबी पारी खेलने वाले गोवा के अनुभवी राजनेता अर्लेकर ने अपने नए कार्यालय का कार्यभार संभालने से पहले साक्षात्कार में कहा कि उन्हें शीर्ष पद पर उनकी नियुक्ति की उम्मीद नहीं थी.
अर्लेकर (67) ने कहा, मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि वहां (हिमाचल प्रदेश) के लोगों को लगे कि मैं उन्हीं में से एक हूं. उन्हें मेरे साथ नजदीकी महसूस होना चाहिए. गोवा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि एक राज्यपाल के रूप में वह राज्य में तटस्थ भूमिका निभाएंगे. अर्लेकर ने कहा, राज्यपाल को हमेशा तटस्थ रहना होता है. यदि मेरी कोई राय अलग है, तो मैं (हिमाचल प्रदेश के) मुख्यमंत्री के साथ उसपर चर्चा करूंगा. किसी भी राज्यपाल के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी राय देना उचित नहीं है.
1980 के दशक के आखिर में गोवा विधानसभा के लिए चुने जाने वाले भाजपा के शुरुआती विधायकों में से एक अर्लेकर ने कहा कि आरएसएस और भाजपा की संस्कृति में उनकी परवरिश ने उन्हें सिखाया कि जो भी भूमिका उन्हें सौंपी जाए, वह उसे पूरे दिल से निभाएं, उन्होंने कहा, एक राज्यपाल के रूप में मैं अपनी भूमिका इस तरह से निभाऊंगा कि मेरे प्रदर्शन से राज्य को फायदा हो.