शिमला: विश्वविख्यात होटल वाइल्ड फ्लावर हॉल अब हिमाचल सरकार का हो जाएगा. इस संदर्भ में हिमाचल हाईकोर्ट ने शुक्रवार को बड़ा फैसला दिया है. अदालत ने ईस्ट इंडिया होटल समूह की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है. साथ ही ईस्ट इंडिया समूह को दो महीने के भीतर कब्जा हिमाचल सरकार को देने के लिए कहा है. ये मामला हाईकोर्ट के जस्टिस सत्येन वैद्य के समक्ष सुनवाई के लिए था. न्यायमूर्ति सत्येन वैद्य ने कब्जे से संबंधित कंप्लायंस रिपोर्ट 15 मार्च को अदालत में पेश करने के लिए कहा है.
अदालत में केस की पैरवी कर रहे राज्य सरकार के एडिशनल एडवोकेट जनरल आईएन मेहता ने बताया कि इसके साथ ही राज्य सरकार को इक्विटी का हक भी मिलेगा. आईएन मेहता के अनुसार ये रकम सौ करोड़ से अधिक संभावित है, लेकिन इसका आकलन होने के बाद ही सही राशि का पता लगेगा. उल्लेखनीय है कि वाइल्ड फ्लावर हॉल होटल 1990 में ओबेरॉय समूह के पास आया था.
इस समय होटल का संचालन ईस्ट इंडिया होटल कंपनी कर रही है. पूर्व में कांग्रेस सरकार के समय में जब इस होटल को 1995 में बनाया गया था, तब जमीन की कीमत सात करोड़ रुपए थी. उस समय पूरा प्रोजेक्ट 40 करोड़ रुपए का था. कंपनी ने चालाकी करते हुए प्रोजेक्ट कॉस्ट बढ़ाई, लेकिन जमीन की कीमत यानी लैंड वैल्यू नहीं बढ़ाई. ये जमीन राज्य सरकार की संपत्ति है. फिर राज्य सरकार को 1995 से इक्विटी के रूप में सालाना एक करोड़ रुपए मिलना तय हुआ था.
ये केस हाईकोर्ट में जल्द न सुने जाने की वजह से इक्विटी का नुकसान होता रहा. कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद इस संबंध में कानूनी प्रक्रिया फिर से शुरू हुई. नवंबर 2023 को हाईकोर्ट के आदेश के बाद जिला प्रशासन शिमला की मदद से पर्यटन निगम ने होटल पर कब्जा कर लिया. इसे ईआईएच यानी ईस्ट इंडिया होटल ने हाईकोर्ट में चुनौती दी. हाईकोर्ट ने स्टे लगा दिया. उसके बाद पुनर्विचार याचिका ईआईएच की तरफ से दाखिल की गई. उस याचिका को 5 जनवरी को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया. अब होटल पर राज्य सरकार का कब्जा प्रशस्त हो गया है.
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