सोलन : सरकारें किसान की आय दोगुनी करने के लाख दावे करती हो लेकिन मंडियों में किसानों के लिए लागत निकालना भी दूर की कौड़ी साबित हो रहा है. हिमाचल की सब्जी मंडियों में इन दिनों प्रदेश के खेतों से सब्जियां पहुंच तो रही हैं लेकिन किसानों को उनके दाम नहीं मिल रहे हैं. सोलन की सब्जी मंडी में एक किसान अपनी गोभी लेकर पहुंचा था, जिसपर उसे फायदा तो छोड़िये 400 रुपये का नुकसान झेलना पड़ा.
1400 रुपये की फूलगोभी, 1800 रुपये भाड़ा- सोलन सब्जी मंडी में फूल गोभी लेकर आए किसान प्रेम ने बताया कि वो गोभी के 25 कट्टे लेकर आए थे. जो 1400 रुपये में बिके, जबकि गोभी को मंडी तक पहुंचाने में ही 1800 रुपये खर्च हो गए और 400 रुपये प्रेम को अपनी जेब से देने पड़े. प्रेम के मुताबिक मंडी में गोभी के एक कट्टे के बदले करीब 60 रुपये मिल रहे हैं, इस लिहाज से गोभी 2 से ढाई रुपये किलो में बिक रही है. गोभी की फसल लगाने से लेकर फसल काटने, धोने और मंडी तक पहुंचाने में पैसा और मेहनत दोनों लगता है लेकिन मंडी पहुंचकर पूरी मेहनत मिट्टी साबित हो रही है क्योंकि लागत तो छोड़िये अपनी जेब से ढुलाई देनी पड़ रही है.
पहाड़ी सब्जियों का यही हाल- वीरवार को पहाड़ी गोभी 4 रुपये किलो के भाव बिक रही है, जबकि हरियाणा से आने वाली गोभी 5 रुपये किलो के हिसाब से बिक रही है. वहीं किसानों से गोभी 2 रुपये किलो के भाव खरीदी जा रही है. यही हाल पहाड़ी मटर समेत अन्य सब्जियों के भी दाम नहीं मिल रहे हैं. पहाड़ी मटर को महाराष्ट्र और पंजाब से आने वाली मटर से टक्कर मिल रही है. इन राज्यों की मटर 12 से 15 रुपये प्रति किलो की कीमत पर मंडी पहुंच रही है. जो पहाड़ी मटर के मुकाबले सस्ता है और हाथों हाथ बिक रहा है. जिसके कारण पहाड़ी मटर के दाम गिर रहे हैं.
बंद गोभी भी 2 रुपये किलो बिक रही है-सोलन सब्जी मंडी में पत्ता गोभी के दाम भी ना के बराबर मिल रहे हैं. किसान प्रकाश के मुताबिक वो मंडी में बंद गोभी लेकर पहुंचे हैं लेकिन मेहनत से उगाई फसल कौड़ियों के भाव बिक रही है. मंडी में किसानों से बंद गोभी 2 रुपये किलो के हिसाब से खरीदी जा रही है. प्रकाश के मुताबिक गोभी को मंडी तक पहुंचाने के लिए करीब 2000 रुपये खर्च हुए हैं. मुनाफा तो छोड़िये लागत निकालना मुश्किल हो रहा है, इससे अच्छा तो गोभी मवेशियों को खिला दें.
मटर उगाने वाले हिमाचल के किसानों की मानें तो इस बार बारिश कम होने के कारण मटर की फसल पर असर पड़ा था. पैदावार कम होने से अच्छे दाम मिलने की उम्मीद थी लेकिन बाहरी राज्यों से आ रहा सस्ते मटर के कारण पहाड़ी मटर को दाम नहीं मिल रहा है. यही हाल गोभी और अन्य सब्जियों के का भी है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के शिमला, सोलन और सिरमौर जिलों में मटर और गोभी की पैदावार होती है.
बीते एक हफ्ते से गिर रहे हैं दाम-सोलन सब्जी मंडी के आढ़ती हेमंत साहनी के मुताबिक बाहरी राज्यों से आने वाली सब्जियों के कारण हिमाचल के किसानों को अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं. खासकर गोभी और मटर की आवक से किसानों को कीमतें कम मिल रही हैं. बीते एक हफ्ते से सोलन सब्जी मंडी में पहाड़ी मटर और गोभी के दाम गिर रहे हैं, जो किसानों की चिंता का सबब है. गौरतलब है कि हिमाचल में उगने वाली मटर, गोभी व अन्य सब्जियों के दाम अधिक होते हैं और किसानों को भी इससे फायदा होता है लेकिन इस बार बाहरी राज्यों से आ रही सब्जियों ने हिमाचल के सब्जी उत्पादकों की मेहनत पर पानी फेर दिया है.
ये भी पढ़ें: पहाड़ी मटर को पंजाब और महाराष्ट्र की सस्ती मटर से मिल रही चुनौती, पहाड़ी गोभी के दाम हरियाणा की गोभी से कम