धर्मशाला: क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ठगी मामले में हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू ने बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि क्रिप्टो करेंसी के नाम पर शातिरों ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है. पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पैसा डबल करने के चक्कर में करीब 2.5 लाख लोगों ने क्रिप्टो करेंसी में पैसा लगाया था. इस मामले में अभी तक ₹2000 करोड़ का फ्रॉड हुआ है. जबकि ₹400 करोड़ के करीब लोगों का पैसा डूब चुका है. फिलहाल जांच जारी है और फ्रॉड का दायरा और भी बढ़ सकता है. वहीं, मामले में कई और आरोपियों की गिरफ्तारियां हो सकती है. जबकि दो लोगों की अब तक गिरफ्तारी हो चुकी है.
डीजीपी ने बताया कि इस मामले में पहली एफआईआर 24 सितंबर को पालमपुर थाना में दर्ज हुई थी. उसके बाद इस फ्रॉड की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई. जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई, फ्रॉड का दायरा भी बढता गया. अब तक जांच में यही सामने आया है कि लोगों ने पैसा डबल करने के चक्कर अपनी सारी पूंजी क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर दी है. पुलिस की जांच में यह भी सामना आया है कि शातिर डिजिटल तरीके से इस फर्जी करेंसी को अपडेट करते थे. जैसे उसका रेट कितना बढ़ा और कितने डॉलर तक पहुंचा लोग डिजिटल तौर पर इसे देखकर अपना निवेश और बढ़ा देते थे.
उन्होंने कहा क्रिप्टो करेंसी के नाम पर यह फर्जी रैकेट चलाने के लिए लोगो को एंजेट बनाकर और दो लोगों को निवेश करने के लिए कहा जाता था. जब वे निवेश करते थे तो, उन्हें अच्छा खासा कमीशन भी मिलता था और एक चेन सी बनती गई. पुलिस जांच में एक चीज यह भी सामने आई कि लोग अपने रिश्तदारों और आस पड़ोस के लोगों को टारगेट कर निवेश करवाते थे. लोग भी अपने करीबी के भरोसे में आकर निवेश कर देते थे, लेकिन इस फ्रॉड की जानकारी एजेंट तक को भी नहीं थी. उन्होंने बताया कि क्रिप्टो करेंसी ठगी मामले का मुख्य सरगना सुभाष है, जो हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के बल्ह का रहने वाला है. फिलहाल वह फरार है, लेकिन हिमाचल पुलिस जल्द ही उसे गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे पहुंचाकर ही दम लेगी.