दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

himachal consumer commission, पिज्जा के साथ कैरी बैग के 13 रुपए 33 पैसे वसूलने पर 8 हजार जुर्माना

राजधानी शिमला में डोमिनोस पिज्जा और जूबिलेंट फूडवर्क्स लिमिटेड पर उपभोक्ता से पिज्जा के साथ कैरी बैग के 13 रुपए 33 पैसे वसूलने पर 8013 रुपए और 33 पैसे का जुर्माना लगाया गया है. (Himachal consumer commission fined Dominos) है. मामला 3 साल पुराना है.

himachal consumer commission
himachal consumer commission

By

Published : Sep 15, 2022, 10:34 AM IST

शिमला: राजधानी के मशहूर डोमिनोस पिज्जा और जूबिलेंट फूडवर्क्स लिमिटेड को पिज्जा के साथ कैरी बैग के पैसे वसूलना भारी पड़ा. जिला उपभोक्ता फोरम ने दोनों पर 8013 रुपए और 33 पैसे का जुर्माना लगाया (Himachal consumer commission fined Dominos) है. बेशक जुर्माने की रकम बड़ी नहीं है, लेकिन इससे ब्रांड वैल्यू को झटका लगा है. जिला उपभोक्ता आयोग के चेयरमैन डॉ. बलदेव सिंह व सदस्यों योगिता दत्ता और जगदेव सिंह रायतिका की पीठ ने ये जुर्माना लगाया है. 3 साल पुराने मामले पर आयोग ने यह फैसला सुनाया (Shimla Dominos fined for collect carry bag money) है.

25 दिसंबर 2019 का मामला:शिकायत कर्ता पीयूष व्यास ने उपभोक्ता फोरम में शिकायत की थी कि उससे कैरी बैग के पैसे वसूले गए. आयोग ने अपने फैसले में 5 हजार रुपए जुर्माने के साथ 3 हजार रुपए मुकदमा खर्च व 13 रुपए 33 पैसे कैरी बैग के शिकायत कर्ता को देने को कहा. शिकायत में दिए तथ्यों के अनुसार 3 साल पहले 25 दिसंबर 2019 को शिकायतकर्ता ने 2 पिज्जा का आर्डर दिया था. शिकायतकर्ता को पिज्जा देते समय डोमिनोस व जूबिलेंट फूडवर्क्स ने 1207 रुपये 85 पैसे भुगतान के लिए कहा. यह रकम शिकायतकर्ता ने अदा कर (Dominos fined for collecting carry bag money from customer) दी.

सेल ऑफ गुड्स एक्ट 1935:शिकायतकर्ता ने ऑर्डर लेने के बाद देखा तो रसीद में कैरी बैग के भी 13 रुपए 33 पैसे जोड़े गए थे. शिकायतकर्ता ने इसका विरोध किया. सेल ऑफ गुड्स एक्ट 1935 की धारा 36 के मुताबिक यह विक्रेता की जिम्मेदारी बनती है कि वह जिस बैग में वस्तु को दे रहा वह बैग बिना शुल्क के दिया जाए. दोनों पिज्जा को कागज के कैरी बैग में पैक करने के पश्चात शिकायतकर्ता को दिया गया था. आयोग (Himachal consumer commission) ने शिकायतकर्ता की दलीलों से सहमति जताते हुए उपरोक्त निर्णय सुनाया.

ये भी पढ़ें:हाईकोर्ट का आदेश, बाल यौन शोषण मामलों में उजागर न की जाए बच्चों की पहचान, काल्पनिक नाम का हो प्रयोग

ABOUT THE AUTHOR

...view details