शिमला: सत्ता के गलियारों से सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू की संवेदना का एक और उदाहरण सामने आया है. जनजातीय इलाके में हादसा होने से एक व्यक्ति के गला टीन की चादर से कट गया. उसकी सांसों की डोर टूट रही थी, लेकिन सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के संवेदनशील फैसले से मरीज की जान बच गई. दरअसल, इस समय हिमाचल के जनजातीय जिला चंबा का दुर्गम इलाका पांगी भारी बर्फबारी से शेष दुनिया से कटा हुआ है. इसी इलाके के एक गांव धरवास का एक व्यक्ति देवेंद्र अपने घर का काम करते हुए गिर पड़ा.
देवेंद्र का गला नीचे रखी टीन की चादर से टकराया और उसमें गहरी चोट आई. गला काफी कट चुका था. देवेंद्र को उसके परिजन तुरंत किलाड़ अस्पताल लाए, लेकिन वहां प्राथमिक उपचार की ही सुविधा मौजूद थी. किलाड़ से डॉक्टर्स ने उसे कांगड़ा राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल टांडा के लिए रेफर कर दिया. अब समस्या ये थी कि टांडा के लिए सडक़ मार्ग बर्फबारी के कारण बंद था. ऐसे में हेलीकॉप्टर की जरूरत महसूस हुई. इसी बीच, आईजीएमसी अस्पताल के पूर्व एमएस व भरमौर के विधायक डॉ. जनकराज को भी इस घटना की सूचना मिली. उन्होंने मरीज की स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली और निजी तौर पर सीएम सुखविंदर सिंह से आग्रह किया कि मरीज को एयरलिफ्ट किए जाने की जरूरत है.
हादसा सोमवार देर शाम हुआ था. वहीं, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार सुबह जानकारी मिलते ही तुरंत अफसरों को हेलीकॉप्टर को किलाड़ भेजने के निर्देश दिए. पहले मरीज को आईजीएमसी अस्पताल शिमला के लिए एयरलिफ्ट करने का विचार हुआ था, लेकिन उसकी गंभीर हालत को देखते हुए टांडा नजदीक पड़ रहा था और वहीं जाने का फैसला लिया गया. टांडा में मरीज को तुरंत विशेषज्ञ उपचार मिल गया और उसकी जान बच गई. अब मरीज का बुधवार यानी कल क्रिटिकल ऑपरेशन होगा. मरीज का हालत स्थिर है और वो टांडा अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टर्स की देखरेख में है. मरीज के भाई ने इसके लिए सीएम सुखविंदर सिंह का आभार जताया है.