शिमला:मानसून सीजन में 14 अगस्त का दिन हिमाचल के लिए भारी आपदा लेकर आया है. विभिन्न हादसों में पहाड़ी राज्य में 24 घंटे के भीतर 55 लोगों की मौत हो गई. सैंकड़ों करोड़ रुपए की संपत्ति तबाह हुई है. वहीं, किसानों की फसलें तबाह हो गई हैं. जगह-जगह लैंडस्लाइड होने से कई सड़कें बंद हो गई हैं.
24 घंटे में 50 से ज्यादा मौतें- मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार शाम को आला अधिकारियों के साथ बैठक की है. मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 24 घंटे में हुई भारी बारिश के कारण प्रदेशभर में 50 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. एक दिन में ऐसी बारिश हिमाचल के इतिहास में कभी नहीं हुई, जिसमें 50 से ज्यादा मौतें हुई हों. मुख्यमंत्री ने कहा कि एक दिन में मौत का ये आंकड़ा और भी बढ़ सकता है क्योंकि शिमला के शिव मंदिर में हुए लैंडस्लाइड में अभी भी 20 लोगों के दबे होने की आशंका है जबकि 8 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं.
स्वतंत्रता दिवस पर नहीं होंगे सांस्कृतिक कार्यक्रम- बारिश से हो रही तबाही को देखते हुए आज स्वतंत्रता दिवस के मौके पर होने वाले सभी सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं. मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में मंत्री सिर्फ ध्वजारोहण करेंगे. परेड में शामिल होने वाली पुलिस और एसडीआरएफ या अन्य टुकड़ियों को राहत और बचाव कार्य में लगाया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा इस बार बारिश ने हिमाचल में जो तबाही मचाई है उससे उबरने में प्रदेश को वक्त लगेगा.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जताया दुख: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हिमाचल में हुए जान-माल के नुकसान पर गहरा दुख जताया है. अपने ट्वीट में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हिमाचल में हुआ भारी क्षति से उन्हें गहरा दुख पहुंचा है. उन्होंने प्रभावित परिवारों के साथ सांत्वना जताई है.
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया है. नड्डा ने भी केंद्र सरकार की तरफ से सहायता का भरोसा दिया है. वहीं, हिमाचल के राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल भी इस तबाही को देखकर स्तब्ध हैं. राज्यपाल ने 15 अगस्त की शाम राजभवन में होने वाले एट होम कार्यक्रम को रद्द कर दिया है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू व उनकी कैबिनेट के सदस्यों ने शिमला, सोलन आदि में हादसे वाली जगहों पर जाकर प्रभावित लोगों को सांत्वना और हर संभव मदद का भरोसा दिया है. हिमाचल में स्वतंत्रता दिवस के सांस्कृतिक कार्यक्रम स्थगित किए गए हैं.
सोमवार की सुबह हिमाचल के लिए घनी पीड़ा लेकर आई. सबसे पहले शिमला में समरहिल में शिव बावड़ी मंदिर में महाकाल का जलाभिषेक करने गए श्रद्धालु बादल फटने के कारण आए मलबे की चपेट में फंस गए. इस हादसे में देर शाम की रिपोर्ट मिलने तक 9 लोगों के शव मिल चुके थे. सोलन के ममलीग के जड़ोन गांव में एक ही परिवार के 7 सदस्य हादसे का शिकार हो गए. मलबा मकान के ऊपर आया और किसी को भी संभलने का मौका नहीं मिला. फिर शिमला में भी फागली में पांच लोगों की मौत हो गई. यहां भी भारी बारिश के कारण तीन पेड़ ढारों पर गिर गए और श्रमिक वर्ग के परिवार के सदस्य इसकी चपेट में आए. मंडी जिले में भी एक ही परिवार के सात सदस्य हादसे में मारे गए.
कुल 55 मौतें, जानें जिलावार आंकड़े:देर शाम तक विभिन्न जिलों से आई रिपोर्ट में 55 लोगों की मौत की सूचना है. शिमला जिले में 14, मंडी जिला में 19, सिरमौर जिले में 7, सोलन जिले में 13 लोगों सहित हमीरपुर, कांगड़ा, बिलासपुर में विभिन्न हादसों में हुई मौतों को मिलाकर कुल आंकड़ा 55 हो गया. राज्य में 24 घंटे के भीतर इन हादसों के कारण हर कोई स्तब्ध है. सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू समरहिल, फागली, ममलीग पहुंचे. उसके बाद सीएम ने आईजीएमसी अस्पताल में घायलों का कुशल-क्षेम जाना.
सीएम ने ममलीग में कहा कि जिन परिवारों के ऊपर दुख का पहाड़ टूटा है. राज्य सरकार उनके जख्मों पर मरहम लगाएगी. जिन लोगों की जान गई है, वहां तो कुछ नहीं किया जा सकता, लेकिन पीड़ित परिवारों के साथ सरकार हर पल खड़ी है और मकान बनाने के लिए नियमों से आगे जाकर भी सहायता की जाएगी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, हिमाचल के पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, भाजपा अध्यक्ष राजीव बिंदल सहित अन्य नेताओं ने एक ही दिन में जान-माल की क्षति पर गहरा दुख प्रकट किया है.
ये भी पढ़ें-Mandi News: हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी में बारिश से 19 मौतें, 8 अभी भी लापता