नई दिल्ली :बिहार सरकार में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि खादी का सम्मान देश में मोदी सरकार के आने के बाद बढ़ा है और अब यह सिर्फ नेताओं का परिधान नहीं हुई बल्कि लोग शौक से खादी पहन रहे हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार में अब बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने उद्योग लगाने में इच्छा जताई है. अब बिहार के श्रमिकों को बिहार में ही रोजगार की व्यवस्था की जा रही है और बिहार बदल रहा है.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि खादी भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लिए कोई एक परिधान या वस्त्र नहीं बल्कि यह एक विचार है. एक विचारधारा है जो गांधीजी से जुड़ी और पार्टी के तमाम नेता खादी का हमेशा से सम्मान करते आए हैं और खादी उद्योग और इससे जुड़े बुनकरों के लिए बिहार की सरकार काफी कुछ कर रही है.
उन्होंने कहा की खादी उद्योग से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता और बुनकरों कोरोना काल में 10000 रूपये की मदद भी दी गई. बुनकरों के मदद के लिए कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार से सबसे ज्यादा सहायता प्राप्त हुई और उसका पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बुनकरों को आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि खादी का और प्रचार-प्रसार बड़े पैमाने पर किया जा सके.
उन्होंने कहा कि बीजेपी के लिए खादी कोई कपड़ा नहीं बल्कि विचारधारा है. बाकी पार्टियां मात्र गांधी जयंती के दिन ही गांधी जी को याद करती हैं और खादी पहनते हैं लेकिन बीजेपी पूरे साल खादी से संबंधित और खादी को बढ़ावा देने के लिए कुछ ना कुछ कार्यक्रम चलाती रहती है. गांधी जी का सम्मान मात्र 2 अक्टूबर को नहीं बल्कि पूरे साल उनकी विचारधारा को पार्टी अपनी कार्य प्रणालियों में उतारती है.
इस सवाल पर कि बिहार सरकार के आप उद्योग मंत्री हैं, गांधी जयंती पर खादी से संबंधित क्या विशेष प्रयोजन किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि खादी से संबंधित उनका मंत्रालय बिहार की राजधानी पटना में प्रदर्शनी लगा रहा है और सभी विधायकों को पत्र लिखा है कि वह आए और उस प्रदर्शनी को देखें. हुसैन ने कहा कि गांधीजी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल उनके नाम का इस्तेमाल कांग्रेस ने किया और अपने नाम के पीछे उन्होंने गांधी लगा लिया. वे मात्र 2 अक्टूबर को ही गांधीजी को याद करते हैं जबकि बीजेपी की सरकार पूरे साल गांधी जी से संबंधित कुछ न कुछ कार्यक्रम चलाती रहती है.
कहा कि खादी और गांधीजी का बिहार और गुजरात दोनों का ही रिश्ता काफी पुराना है. उन्होंने कहा कि यदि गुजरात में लोग गांधीजी को याद करते हैं तो बिहार भी उससे कम नहीं है क्योंकि खादी का पूरा आंदोलन ही बिहार से शुरू हुआ था. एक सवाल पर कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर बिहार के थे और वह अलग-अलग राज्यों से बिहार लौट गए उन्हें उनके ही राज्य में रोजगार मिले इसके लिए उद्योग मंत्रालय वहां का क्या कर रहा है.
इस पर बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जब कोरोना काल के दौरान मजदूर पलायन कर बिहार की तरह वापस आ रहे थे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अच्छा काम किया. उन्होंने जगह-जगह क्लस्टर बनवा दिए थे और इन मजदूरों को जब स्कूलों में ठहराया गया था तो वहीं पर एक सर्वे किया गया और उनसे यह जानने की कोशिश की गई थी कि वह किन-किन रोजगार से जुड़े हैं.