दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कर्नाटक में ब्लैक फंगस से लड़ने के लिए उच्च स्तरीय तकनीकी सलाहकार समिति का गठन

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है. ब्लैक फंगस कोरोना से उबरे लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. कोरोना से ठीक हुए डायबिटीज के मरीजों में इसका खतरा अधिक है.

स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री

By

Published : May 17, 2021, 7:15 PM IST

Updated : May 17, 2021, 7:20 PM IST

बेंगलुरू :राज्य मेंकुछ दिनों में कुछ लोग ब्लैक फंगस से संक्रमित हुए हैं. बीमारी की गंभीरता को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. के सुधाकर ने कहा कि ब्लैक फंगस के लिए एक उच्च स्तरीय तकनीकी सलाहकार समिति का गठन किया है.

समिति में डॉ. सतीश, डॉ. भुजंगा शेट्टी, डॉ. सुजाता राठौड़, डॉ. बालासुब्रमण्यम कुमार, डॉ. रवि, डॉ. प्रदीप रंगप्पा और कई अन्य लोग शामिल हैं.

ये भी पढ़ें : बच्चों को कोरोना टीका लेना चाहिए? जानें बाल रोग विशेषज्ञ की राय

कोरोना वायरस के साथ अब ब्लैक फंगस ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है. राज्य में ब्लैक फंगस से 97 लोग संक्रमित हो गए हैं. बेंगलरु के विक्टोरिया अस्पताल में चार लोगों ने इस बीमारी से दम तोड़ दिया है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, केंद्र सरकार ने ब्लैक फंगस के लिए प्रोटोकॉल जारी किया है. ब्लैक फंगस कोरोना से उबरे लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. कोरोना से ठीक हुए डायबिटीज के मरीजों में इसका खतरा अधिक है.

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जिन लोगों में अनियंत्रित डायबिटिज, अंग प्रत्यारोपण, कैंसर, एचआईवी संक्रमण, कोरोना संक्रमण है, उनमें ब्लैक फंगस का खतरा अधिक है. उन्होंने यह भी बताया कि अत्यधिक स्टेरॉयड लेने वाले लोगों को भी यह बीमारी अपने शिकंजे में ले रही है.

मंत्री ने आगे कहा, 'लोगों को ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. इसलिए, लोगों को नाक, गले और कान की जांच करानी चाहिए. सभी डॉक्टरों को ऐसे लोगों की देखभाल करनी चाहिए. यह एक अधिसूचित रोग है. इसे निजी नहीं रखना चाहिए बल्कि इस बारे में सरकार को सूचित करें.'

ये भी पढे़ं : आंध्र प्रदेश में ब्लैक फंगस के नौ मामले सामने आए : स्वास्थ्य मंत्री

ऐसे पैदा हो रही बीमारी

मंत्री ने आगे कहा, हमें संदेह है कि नल के पानी के इस्तेमाल से यह बीमारी जन्म ले रही है. हम इस बारें में भी पता लगाने पर काम कर रहे हैं. हम इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि ऑक्सीजन कहां से भरी जा रही है. इसलिए सभी को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.'

उन्होंने आगे कहा, इसके लिए केंद्र से राज्य को दवा की 1050 शीशियों की मंजूरी मिल चुकी है. हमने दवा की 20 हजार शीशियों की मांग की थी.

यहां होगा ब्लैक फंगस का उपचार

बता दें, राज्य में मैसूर मेडिकल कॉलेज, शिवमोग्गा मेडिकल कॉलेज, जीआईएमएस, केआईएमएस, केएमसी समेत वेनलॉक अस्पताल को फंगस के इलाज के लिए अधिसूचित किया गया है.

Last Updated : May 17, 2021, 7:20 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details