नई दिल्ली :दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के मामले में आरोपी उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है. जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि प्रथम दृष्टया उमर खालिद के भाषण सही नहीं प्रतीत होते हैं. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को 27 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.(HC on delhi violence accused umar khalid).
कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद ने अमरावती में जो भाषण दिया, उसे जायज नहीं ठहराया जा सकता है. सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर से पेश वकील त्रिदीप पायस से कोर्ट ने पूछा कि उमर खालिद के खिलाफ आरोप क्या हैं, तो उन्होंने कहा कि साजिश रचने का. पायस ने कहा कि उमर खालिद हिंसा के समय दिल्ली में मौजूद भी नहीं था. उमर खालिद के पास से कुछ बरामद भी नहीं किया गया है. पायस ने कहा कि जिस भाषण को आधार बनाया गया है, वो चुनावी लोकतंत्र और कानून के शासन पर था. 24 मार्च को कड़कड़डूमा कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
कड़कड़डूमा कोर्ट में सुनवाई के दौरान पायस ने कहा था कि चार्जशीट में कहा गया है उमर खालिद ने 10 दिसंबर 2019 को प्रदर्शन में हिस्सा लिया. लेकिन क्या प्रदर्शन में शामिल होना अपराध है. उन्होंने कहा था कि उमर खालिद के खिलाफ हिंसा करने के कोई सबूत नहीं हैं. जांच जारी रहना हर प्रश्न का उत्तर नहीं है. उन्होंने कहा था कि साजिश का आरोप गलत है. अभियोजन के लिए ये काफी आसान है कि जब दो, तीन और दस लोग WhatsApp पर एक ही भाषा बोलें तो आप कुछ के खिलाफ आरोप लगाएंगे और कुछ के खिलाफ नहीं. क्योंकि वो आपकी दलील के मुताबिक है.