नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिवंगत बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के पिता की अपील पर शुक्रवार को नोटिस जारी किया. इसमें एकल पीठ के फिल्म 'न्याय: द जस्टिस' की रिलीज या किसी को भी उनके बेटे के नाम या उससे मिलते जुलते नाम का इस्तेमाल करने पर रोक लगाने से इनकार करने को चुनौती दी गई है.
न्यायमूर्ति अनूप जयराम भम्भानी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की अवकाशकालीन पीठ ने फिल्म के निर्देशक दिलीप गुलाटी और प्रोड्यूसर सरला सरावगी और राहुल शर्मा तथा अन्य से इस पर जवाब मांगा है. बहरहाल अदालत ने कृष्ण किशोर सिंह की अपील पर कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया.
पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर लाल की इस दलील पर गौर किया कि फिल्म को निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार 11 जून को वेबसाइट और एक मोबाइल ऐप पर रिलीज किया गया. राजपूत के पिता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने दलील दी कि फिल्म के प्रोड्यूसर और निर्देशक ने अभिनेता के जीवन की कहानी का कमर्शियल उद्देश्य के लिए गलत इस्तेमाल किया है. अभिनेता ने पिछले साल मुंबई में अपने घर में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी.
साल्वे ने दलील दी कि एकल न्यायाधीश ने पुट्टास्वामी मामले (निजता के अधिकार) में उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए कानून की गलत व्याख्या की और गलत निर्देश दिए. सुनवाई की शुरुआत में फिल्म के निर्देशक की ओर से पेश वकील ने अदालत को बताया कि फिल्म को लपालप ऑरिजिनल नाम के ओटीटी मंच पर रिलीज किया गया है.
साल्वे ने कहा, यह कोई अस्पष्ट मंच है और भगवान ही जानता है कि यह किस तरह की वेबसाइट है. उन्होंने कहा कि यह फिल्म हर दिन निजता के अधिकार और निष्पक्ष मुकदमे के अधिकार का उल्लंघन कर रही है और अभिनेता की छवि खराब कर रही है. उन्होंने कहा, इस फिल्म में उनके जीवन को दिखाने की कोशिश की गई है. उनके साथ असल में क्या हुआ था, उसकी जांच अब भी चल रही है. आप इतनी जल्दी कुछ कह नहीं सकते.