जबलपुर। कोरोना काल के दौरान नकली रेमडेसिविर मामले में मुख्य आरोपी रहे सरबजीत सिंह मोखा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं. इस बार उनके पेट्रोल पंप सिटी फ्यूल्स से एक न्यायाधीश द्वारा कार में तय सीमा से अतिरिक्त पेट्रोल डालने की शिकायत पर कार्रवाई की गई है. फिलहाल नापौल विभाग ने पेट्रोल पंप सील कर दिया है. पेट्रोल पंप की मशीनों के सत्यापन तक यहां पेट्रोल व डीजल की बिक्री पर रोक लगा दी गई है. मामला उस वक्त उजागर हुआ जब हाई कोर्ट के एक न्यायाधीश अपनी क्रेटा कार लेकर पेट्रोल भरवाने के लिए इस पेट्रोल पम्प पर गए.
फुल टैंक से ज्यादा पेट्रोल डालना बताया :कार में पेट्रोल फुल टैंक करने के निर्देश पर पेट्रोल पंप कर्मचारी ने रिफिल किया. जब कार को फुल किया जा रहा था, उस वक्त मीटर का कांटा 50 लीटर से अधिक पहुंचा और अंत में 57 लीटर पेट्रोल गाड़ी में डालने का हिसाब बना. इस बीच कार में बैठे न्यायाधीश का माथा चकरा गया. क्योंकि गाड़ी में पेट्रोल की कुल सीमा 50 लीटर थी. ऐसे में क्षमता से अधिक पेट्रोल गाड़ी में डाले जाने पर न्यायाधीश को शंका हुई और उन्होंने इसकी शिकायत प्रशासन से की. न्यायाधीश की शिकायत पर नापौल विभाग का अमला तुरंत मौके पर पहुंचा और मशीनों की प्राथमिक जांच की.