मुंबई : बंबई उच्च न्यायालय ने यह जानना चाहा कि मुंबई पुलिस को कथित टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट्स (टीआरपी) घोटाले को लेकर पिछले साल संवाददाता सम्मेलन करने के लिए किस चीज ने प्रेरित किया था.
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति मनीष पिटाले की पीठ ने सवाल किया, क्या प्रेस से संवाद करना पुलिस का दायित्व है? (पुलिस) आयुक्त को प्रेस से बातचीत क्यों करनी पड़ी थी.
पीठ ने एआरजी आउटलायर मीडिया के वकील अशोक मुंदारगी की दलीलों पर जवाब देते हुए यह टिप्पणी की.
अदालत रिपब्लिक टीवी चैनल का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी एआरजी ऑउटलायर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और पत्रकार अर्णब गोस्वामी की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. उन्होंने टीआरपी घोटाले की जांच सीबीआई या किसी अन्य स्वतंत्र एजेंसी को सौंपे जाने सहित अन्य राहत प्रदान करने का अदालत से अनुरोध किया है.
मुंदारगी ने उच्च न्यायालय से कहा कि पिछले साल अक्टूबर में संवाददाता सम्मेलन करने के पीछे पुलिस के दुर्भावनापूर्ण इरादे थे.
उन्होंने दलील दी कि रिपब्लिक टीवी और इसके प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी के खिलाफ कोई सबूत नहीं हैं, लेकिन पुलिस उन्हें किसी ना किसी तरह से आरोपी के तौर पर नामजद करने की कोशिश कर रही है.