दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

न्याय प्रशासन को प्रभावित करने वाली धमकियों का प्रसार रोकने के उपाय बताएं : हाईकोर्ट - धमकियों का प्रसार रोकने के उपाय बताएं

आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने हाल ही में सीबीआई को निर्देश दिया कि ऐसी धमकियों, अपशब्दों और मानहानिकारक टिप्पणियां, जिनसे न्याय प्रशासन प्रभावित होता है, उनके प्रसार को रोकने के लिए उपाय बताएं.

High Court
High Court

By

Published : Oct 19, 2021, 6:43 PM IST

अमरावती :आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस जॉयमाल्या बागची और जस्टिस के विजया लक्ष्मी की खंडपीठ पिछले साल हाईकोर्ट ऑफ आंध्र प्रदेश एडमिन‌िस्ट्रेशन की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने राज्य में कुछ असामाजिक तत्वों के हमले से अपनी सुरक्षा का मुद्दा उठाया था.

उल्‍लेखनीय है कि आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पिछले साल वाईएसआरसीपी नेताओं द्वारा न्यायपालिका के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी के लिए दर्ज मामलों की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. कोर्ट 6 अक्टूबर 2021 को केंद्रीय जांच ब्यूरो की ओर से दायर चौथी स्टेटस रिपोर्ट पर विचार कर रही थी, जिसमें कहा गया है कि मामले की जांच की गई है और कुछ आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है.

सीबीआई की रिपोर्ट में कहा गया था कि चतुर्थ अतिरिक्त कनिष्ठ सिविल जज गुंटूर के समक्ष 13 सितंबर 2021 को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 4 आरोप‌ियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अपराधी भारत के अंदर और बाहर दोनों जगह काम करते हैं और चूंकि कुछ अपराधी विदेश में हैं, इसलिए सीबीआई उनसे पूछताछ करने में विफल रही.

सीबीआई की रिपोर्ट पर विचार करने के बाद न्यायालय ने कहा कि सीबीआई ने पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं इसलिए अदालत ने सीबीआई को भारत से बाहर रहने वाले आरोप‌ियों से पूछताछ के संबंध में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने का निर्देश दिया. कोर्ट ने यह भी कहा कि जजों और न्यायिक कर्मियों के खिलाफ धमक‌ियों, अपमानजनक टिप्‍पण‌ियों और अपशब्दों को सोशल मीडिया में बिना किसी रोक-टोक के प्रसारित किया जा रहा है. इसलिए अदालत ने सीबीआई को निम्नलिखित निर्देश जारी किए.

यह भी पढ़ें-हिंदी नहीं आई तो Zomato ने रिफंड देने से किया इनकार, तमिल कस्टमर के ट्वीट से मचा बवाल

जांच एजेंसी का कर्तव्य न केवल अपराध की जांच करना है बल्कि भविष्य में इसी प्रकार के अपराधों को रोकने के लिए भी है. सीबीआई को निर्देश दिया जाता है कि वह इस तरह की धमकी देने वाली धमकियों के प्रसार को रोकने के लिए उठाए गए कदमों के संबंध में रिपोर्ट प्रस्तुत करे. सीबीआई को 28 अक्टूबर 2021 तक अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया गया है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details