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शराब गुटखा की शौकीन पत्नी ने पति को किया प्रताड़ित, हाईकोर्ट ने तलाक याचिका की मंजूर

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Published : Oct 22, 2022, 7:03 PM IST

Bilaspur highcourt news ससुराल वालों को फंसाने की धमकी को कोर्ट ने क्रूरता मानते हुए पति की तलाक की अर्जी को मंजूर कर लिया है. पत्नी शराब पीकर गुटखा खाती थी और इसी बात पर पति पत्नी की लड़ाई होती थी. शराब के नशे में पत्नी ने कई बार सुसाइड की कोशिश भी की थी. इस मामले में हाई कोर्ट ने पति के तलाक को मंजूरी देते हुए पत्नी की हरकत को क्रूरता माना है. husband troubled by drug addict wife

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शराब गुटखा के कारण तलाक की नौबत

बिलासपुर : पति को शादी के कुछ दिनों बाद पता चला कि उसकी पत्नी गुटखा, शराब की शौकीन है. गुटखा खाकर दिनभर घर में जगह-जगह थूक देती थी. उसने नशे में भी कई बार खुदकुशी की कोशिश की. इस डर से पति को फंस जाने का डर था. पत्नी अपने पति और ससुरालवालों को केस में फंसाने की धमकी भी देती थी. पत्नी के इस व्यवहार को हाईकोर्ट ने क्रूरता मानते हुए पति की तलाक की याचिका को मंजूरी दी (High court approves divorce application ) है. हाईकोर्ट के जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल की बेंच ने कोरबा के फैमिली कोर्ट के आदेश को भी निरस्त कर दिया है.bilaspur latest news

कहां का है मामला :कोरबा के बांकीमोंगरा में रहने वाले उदय शर्मा की शादी 19 मई 2015 को कटघोरा में रहने वाली प्रिया से हुई थी. 26 मई की सुबह पति ने देखा कि पत्नी बिस्तर पर अचेत पड़ी हुई है और उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है. पता चला कि पत्नी शादी से पहले पान मसाला, गुटखा, शराब पीने और नॉनवेज खाने की आदी थी. शादी के बाद भी वह अपनी आदत शुरू रखी हुई थी और घर में थूकती थी. पति ने सोचा कुछ दिनों बाद व्यवहार में बदलाव हो जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. 30 दिसंबर 2015 को उसने आग लगाकर खुदकुशी की कोशिश की. घरवालों ने आग बुझाकर उसे बचा लिया. छत से कूदकर और दो बार कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया. पति की मर्जी के खिलाफ गर्भपात भी कराया. इसी तरह वह पति और ससुरालवालों का झूठे केस में फंसाने की धमकी दिया करती (husband troubled by drug addict wife ) थी.

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डॉक्टरी इलाज का भी नहीं हुआ फायदा :पति ने 2 जनवरी 2016 को उसे साइकेट्रिस्ट डॉक्टर को दिखाया, जहां से उसे रायपुर रेफर कर दिया गया. केस में फंसाने की धमकी से परेशान होकर पति ने थाने में शिकायत भी की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उसने कोरबा के फैमिली कोर्ट में हिंदू विवाह अधिनियम की धारा 13(1)(i-a) के तहत विवाह विच्छेद के लिए आवेदन प्रस्तुत किया. लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने पत्नी के इस व्यवहार को पति के प्रति क्रूरता की श्रेणी माना. हाईकोर्ट ने फैसले में कहा है कि ''क्रूरता संबंधी विवाद का निराकरण करने के दौरान कोर्ट को ऐसे सबूतों पर विचार करना चाहिए, जिसका खंडन नहीं किया गया हो.''bilaspur latest news

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