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दिल्ली में 2500 करोड़ की हेरोइन जब्त

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 350 किलो हेरोइन बरामद की है. पुलिस के अनुसार, बरामद की गई हेरोइन की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में लगभग 2500 करोड़ रुपये बताई गई है.

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Published : Jul 10, 2021, 3:24 PM IST

Updated : Jul 10, 2021, 7:22 PM IST

heroine ,Delhi Police Special Cell
दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में आरोपी

नई दिल्ली:दिल्ली में नशे का अब तक का सबसे बड़ा जखीरा पकड़ा गया है. पुलिस की स्पेशल सेल (Delhi Police Special Cell) ने हेरोइन की तस्करी करने वाले एक बड़े गैंग का पर्दाफाश किया है. अंतर्राष्ट्रीय बाजार (International Market) में इसकी कीमत करीब 2500 करोड़ रुपये आंकी गई है. हेरोइन की तस्करी के अपनी तरह के इस पहले मामले में स्पेशल सेल ने चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस को शक है कि इस मामले के तार टेटर फंडिंग से भी जुड़े हो सकते हैं.

स्पेशल सेल के विशेष आयुक्त नीरज ठाकुर ने बताया कि ड्रग्स तस्करी करने वाले विभिन्न नेटवर्क को लेकर टीम काम कर रही थी. ऐसे कई गैंग का बीते दिनों स्पेशल सेल ने पर्दाफाश भी किया है. वर्ष 2019 में ऐसे कई गैंग से 330 किलो हेरोइन स्पेशल सेल ने बरामद की थी. हाल ही में स्पेशल सेल की टीम को सूचना मिली कि अफगानिस्तान से ईरान होते हुए मुंबई, मध्य प्रदेश के रास्ते ड्रग्स दिल्ली लाई जा रही है.

इसे लेकर डीसीपी प्रमोद कुशवाहा की देखरेख में इंस्पेक्टर विनोद बडोला की टीम ने छानबीन शुरू कर दी. उन्हें पता चला कि कश्मीरी युवक रिजवान अहमद दिल्ली, पंजाब, मध्य प्रदेश और हरियाणा में हेरोइन की सप्लाई कर रहा है. वह घिटोरनी इलाके में ड्रग्स देने आएगा. पुलिस टीम ने उसे एक किलो हेरोइन के साथ गिरफ्तार कर लिया.

दिल्ली पुलिस की कार्रवाई

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फरीदाबाद से जुड़े हैं तस्करी के तार

आरोपियों ने खुलासा किया कि वह अफगानी नागरिक ईशा खान के लिए काम करता है. फिलहाल वह अफगानिस्तान में है. उसने यह हेरोइन पंजाब निवासी गुरप्रीत सिंह और गुरजोत सिंह को पहुंचाने के लिए दी थी. वह फरीदाबाद की एक बड़ी सोसायटी से ड्रग्स रैकेट चला रहे हैं. स्पेशल सेल ने वहां छापा मारकर दोनों को गिरफ्तार कर लिया. पार्किंग में खड़ी उनकी दो गाड़ियों एवं किराये के इस कमरे से 351 किलो हेरोइन बरामद हुई. आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वह पुर्तगाल में छिपे नवप्रीत सिंह उर्फ नव के लिए काम करते हैं. नवप्रीत से उनकी मुलाकात कपूरथला जेल में हुई थी. रिजवान के इशारे पर गुरुग्राम से अफगानी नागरिक हजरत अली को गिरफ्तार किया. उसके पास से दो किलो हेरोइन बरामद हुई. उसकी निशानदेही पर 100 किलो केमिकल भी बरामद हुआ.

गिरोह में केमिकल एक्सपर्ट है शामिल

पूछताछ के दौरान, पुलिस को पता चला कि आरोपी रिजवान का काम इस गैंग के लिए केमिकल का प्रबंध करना था, जिससे हेरोइन तैयार होती थी. हजरत अली केमिकल से हेरोइन तैयार करने का एक्सपर्ट है. वह हेरोइन के लिए केमिकल उपलब्ध करवाने की एवज में रुपये के अलावा रिजवान को हेरोइन भी देता था. इसके अलावा अन्य दोनों आरोपियों का काम हेरोइन को दिल्ली-एनसीआर के अलावा पंजाब और हरियाणा तक पहुंचाना था.

पुलिस को पता चला कि यह पूरा नेटवर्क अफगानिस्तान एवं यूरोप में बैठे कुछ तस्कर चला रहे थे. उनके बारे में भी संबंधित एजेंसियों से जानकारी सांझा की जा रही है.बताया कि इस मामले में टेरर फंडिंग को लेकर भी जांच की जा रही है. स्पेशल सेल को कुछ ऐसे इनपुट मिले हैं कि पाकिस्तान के रास्ते भी ड्रग्स को भारत भेजा जा रहा था. इस वजह से यह जांच की जा रही है कि बरामद ड्रग्स से होने वाली कमाई का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों में तो नहीं हो रहा था.

पाकिस्तानी कनेक्शन भी आया सामने

भारत में हेरोइन के इस्तेमाल को लेकर AIIMS की स्टडी रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. AIIMS की स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय रोजाना 1 हजार किलो हेरोइन का नशा करते हैं. देश भर में बीते डेढ़ दशक के दौरान हेरोइन नामक ड्रग्स के इस्तेमाल में तेजी से वृद्धि हुई है. 2004 में जहां 0.2 फीसदी लोग भारत में हेरोइन का इस्तेमाल करते थे तो वहीं 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 1.14 फीसदी हो गया है. दूसरे शब्दों में कहें तो लगभग 1.3 करोड़ लोग भारत में हेरोइन का नशा करते हैं. हेरोइन का मुख्य सप्लायर गोल्डन क्रेसेन्ट है, जिसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान एवं ईरान शामिल हैं.

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हेरोइन के कैप्सूल बनाकर खा लेते हैं तस्कर

हेरोइन की तस्करी करने वाले समुद्र से लेकर हवाई रूट का इस्तेमाल दूसरे देशों तक इसकी खेप पहुंचाने के लिए करते हैं. भारत में हेरोइन खपाने के लिए अफगानिस्तान के तस्कर मुख्य रूप से हवाई रूट का इस्तेमाल करते हैं. कई बार देखने में आया है कि तस्कर अपने शरीर में भी हेरोइन छुपा कर लाते हैं. वह इसके कैप्सूल बनाकर खा लेते हैं. भारत पहुंचने पर वह ऑपरेशन या शौच के जरिये इसे बाहर निकाल लेते हैं. तस्करी में कई बार कैप्सूल फटने से उनकी जान भी चली जाती है. इसके साथ ही कुरियर के जरिये हेरोइन तस्करी के मामले भी पिछले कुछ समय में तेजी से बढ़े हैं.

म्यांमार के तस्कर उत्तर पूर्वी राज्यों में हैं सक्रिय

हेरोइन की तस्करी में शामिल म्यांमार के तस्कर उत्तर पूर्वी राज्यों के रास्ते भारत में हेरोइन खपाते हैं. उत्तर पूर्वी राज्यों से यह हेरोइन दिल्ली-एनसीआर, यूपी, पंजाब आदि राज्यों के विभिन्न इलाकों में भेजी जाती है. पाकिस्तान भी बांग्लादेश एवं पंजाब के रास्ते भारत में हेरोइन की खेप भेजता रहा है. 2019 में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने 140 किलो हेरोइन बरामद की थी. वहीं दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने भी 200 किलो से ज्यादा हेरोइन 2019 में बरामद की थी. 2020 में लॉक डाउन के चलते ज्यादा मात्रा में हेरोइन भारत नहीं पहुंची.

रेव पार्टियों में होता है हेरोइन का इस्तेमाल

दिल्ली एनसीआर में आयोजित होने वाली अधिकांश रेव पार्टियों में हेरोइन का इस्तेमाल किया जाता है. अन्य पार्टी ड्रग्स की कीमत की तुलना करें तो हेरोइन उनके मुकाबले काफी सस्ती है. अभी के समय में 1 ग्राम हेरोइन दो से तीन हजार रुपये में दिल्ली-एनसीआर में उपलब्ध हो जाती है. वहीं अफगानिस्तान में इसकी कीमत 500 से 700 रुपये प्रति ग्राम है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार की बात करें तो इसकी कीमत 4 से 5 हजार रुपये प्रति ग्राम तक पहुंच जाती है. भारत में बरेली के कुछ इलाकों में हेरोइन का उत्पादन किया जाता है, लेकिन वह काफी कम मात्रा में है और उसकी क्वालिटी भी हल्की होती है. यही वजह है कि विदेशों से आने वाली हेरोइन की डिमांड ज्यादा होती है.

Last Updated : Jul 10, 2021, 7:22 PM IST

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