उज्जैन :महाकाल की नगरी में अचानक हुक्के की चर्चा होने लगी है. हर कोई कश लगा रहा है. यह नशे की लत नहीं है और ना कोई शौक है. फिर क्यों लोग खुलेआम धुएं के छल्ले उड़ा रहे हैं.
उज्जैन के चिमनगंज मंडी के आयुर्वेदिक कॉलेज में लड़के और लड़कियों का जमावड़ा लगा हुआ है. ये हुक्का पी रहे हैं, एक साथ. कोई रोकने टोकने वाला नहीं है. हुक्का पीकर ये बीमारियों को दूर भगा रहे हैं. बिल्कुल सही पढ़ा आपने. ये नशेड़ी नहीं हैं. ये लोग हर्बल धूम्रपान कर रहे हैं. इससे सेहत को कई नुकसान नहीं होता. इस हुक्के में कई बीमारियों का इलाज छिपा है. दमे का मरीज हो या फिर सायनस से परेशान रोगी. सर्दी, जुकाम हो या फिर कोरोना से जंग जीतकर आए योद्धा. इन लोगों के लिए ये हुक्का रामबाण साबित हो सकता है. फेफड़ों में इंफेक्शन हो गया हो, तब भी ये हुक्का कमाल कर सकता है.
आयुर्वेदिक कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. निरंजन सराफ का दावा है कि ये हर्बल हुक्का मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकता है.
12 औषधियों का होता है प्रयोग
आयुर्वेदिक कॉलेज का हर्बल हुक्का पीने के लिए मरीजों का तांता लगा हुआ है. अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर इस हुक्के में है क्या. इस हर्बल हुक्के में एक दर्जन से ज्यादा आयुर्वेदिक औषिधियों का मिश्रण है. इसमें एरण्ड मूल, देवदारु, लख, जौ, वासा पत्र, कंटकारी, मुलेठी, हल्दी, तेज पत्ता, पीपल की छाल, घी, नागर मौथा, गूलर दाल, लोध्र, बरगद की छाल का उपयोग किया जाता है.