जयपुर/झुंझुनू. अरुणाचल प्रदेश के सियांग जिले में मिलिट्री हेलिकॉप्टर 'रुद्र' शुक्रवार को क्रैश हो गया. हादसा टूटिंग हेडक्वार्टर से 25 किलोमीटर दूर सिंगिंग गांव के पास हुआ. जहां ये हादसा हुआ वह एरिया सड़क मार्ग से कनेक्टेड नहीं है. भारतीय सेना के मुताबिक हेलिकॉप्टर क्रैश में 4 जवान शहीद हो गए, जिसमें से तीन जांबाज राजस्थान के बताए जा रहे हैं. इनमें हनुमानगढ़ जिले के मेजर विकास भांबू, उदयपुर के खेरोदा निवासी मेजर मुस्तफा जकीउद्दीन बोहरा और झुंझुनू के जवान रोहिताश्व कुमार शामिल हैं.
हनुमानगढ़ के विकास शहीद- बता दें, मेजर विकास 9 जून 2012 को 68 आर्मर्ड रेजीमेंट में आर्मी एविएशन में स्थाई रूप से कमीशन हुए थे. उन्होंने एविएशन में जाने से पहले लेह और रुड़की रेजीमेंट के साथ काम किया था. मेजर विकास के परिवार में पिता भागीरथ भांभू, माता सुखवंती, पत्नी श्रेया चौधरी और बेटी ख्वाहिश हैं. मेजर भांबू का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव रामपुरिया हनुमानगढ़ में किया जाएगा.
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झुंझुनू के रोहिताश्व शहीद- इसके साथ ही इस दुर्घटना में झुंझुनू जिले के पोषणा के जवान रोहिताश्व कुमार भी शहीद हो गए हैं. रोहिताश्व 2010 में सेना टेक्निकल पद पर भर्ती हुए थे. रोहिताश्व के परिवार में पिता विद्याधर खैरवा, माता चूकी देवी, पत्नी सुनीता देवी और 5 साल की बेटी रितिका है. खैरवा ने हादसे से कुछ घंटे पहले ही पत्नी से बात की थी. वे असम में तैनात थे और 2010 में सेना में टेक्निकल पद पर भर्ती हुए थे. 26 अक्टूबर 2014 को उनकी शादी जैतपुरा निवासी सुभिता के साथ हुई थी. उनकी 5 साल की बेटी रितिका है. पिता विद्याधर खैरवा किसान हैं. खैरवा ने शुक्रवार सुबह ही पत्नी सुभिता से फोन पर बातचीत की थी. वे पिछले महीने ही छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर गए थे. दीपावली के बाद उनको आना था. जिला कलेक्टर लक्ष्मण सिंह कुड़ी ने बताया कि जवान रोहिताश्व खैरवा की पार्थिक देह रविवार तक आएगी.
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उदयपुर के मुस्तफा शहीद- वहीं, इस हेलीकॉप्टर दुर्घटना में उदयपुर के खेरोदा निवासी मेजर मुस्तफा जकीउद्दीन बोहरा ने भी शहादत दी है. उदयपुर के खेरोदा के उच्च शिक्षा मंदिर में मुस्तफा जकीउद्दीन बोहरा की प्राइमरी पढ़ाई हुई थी. इसके बाद पूरा परिवार उदयपुर शहर के हाथीपोल इलाके में रहने लगा. बचपन से ही सेना में जाने का एक जुनून मुस्तफा पर सवार था. शहर के सेंट पॉल स्कूल में उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की. इसके बाद एनडीए के एग्जाम की तैयारियों में जुट गए. भाई फखरुद्दीन अली ने बताया कि बचपन से ही पायलट बनने का मुस्तफा को शौक था. लेकिन एयरफोर्स के एग्जाम में किसी कारणों से रहने की वजह से एयरपोर्ट के अधिकारियों ने उन्हें आर्मी जॉइन करने के लिए कहा. जिसके बाद उसका आर्मी में सिलेक्शन हुआ. पिछले ढाई सालों से जोधपुर में ट्रेनिंग ले रहा था. हाल ही में उसका ट्रांसफर हो गया था और भारत निर्मित स्वदेशी रूद्र हेलीकॉप्टर में ट्रेनिंग दी जा रही थी.
बता दें कि हादसे के वक्त हेलीकॉप्टर में पांच सैन्य कर्मी सवार थे. 21 अक्टूबर 2022 की देर शाम तक चार शहीदों की पार्टी देह मिल गई है और पांचवीं शहीद का शव अभी ढूंढा जा रहा है. बताया गया है कि उड़ान संचालन के लिए मौसम अच्छा था. पायलटों के पास ALH-WSI पर 600 से अधिक संयुक्त उड़ान घंटे और उनके बीच 1800 से अधिक सेवा उड़ान घंटे थे. विमान को जून 2015 में सेवा में शामिल किया गया था. हादसे के कारणों को लेकर सेना ने कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश दिए हैं, जिसे दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए तुरंत गठित किया गया है.