जयपुर.राजस्थान में नया मौसमी तंत्र बनने के बाद पिछले दो दिन में राजस्थान के कोटा संभाग में कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं. वहीं सिरोही, टोंक में हुई भारी बारिश के कारण कई जगह जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं चंबल नदी में उफान आने के कारण करौली और धौलपुर जिले में नदी से सटे ततीय गांवों में भी बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. तेज बारिश और नदियों के उफान पर आने के जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. वहीं उदयपुर में भारी बारिश के कारण जनजीवन अस्त व्यस्त है. नदी नाले उफान पर हैं. बारिश के कारण बुधवार को स्कूलों में अवकाश घोषित किया गया है.
कोटा संभाग के चारों जिले कोटा, झालावाड़, बारां और बूंदी में पिछले दो दिन में हुई तेज बारिश के बाद हालात खराब हैं. बारिश के कारण कोटा में जहां दो दर्जन गांव टापू बन गए हैं. वहीं मध्यप्रदेश समेत आपसी जिलों का संपर्क कट गया है. वहीं सिरोही में तेज बारिश के बाद शहर में जगह-जगह जलभराव की स्थिति बनने के बाद लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जबकि चंबल नदी में आए उफान के बाद करौली और धौलपुर में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है. दोनों जिलों में चंबल नदी से सटे इलाकों में रेस्क्यू टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगी है. करौली में तटीय इलाकों लोंगों को एसडीआरएफ की टीमों में रेस्क्यू किया है. वहीं धौलपुर में 80 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है.
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कोटा संभाग में हालात खराबः कोटा संभाग पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश (Heavy rain in Kota) के कारण भीषण बाढ़ में घिर गया है. जिससे संभाग का मध्य प्रदेश के साथ-साथ आपसी जिलों में भी संपर्क कट गया है. प्रशासन ने नदी के पास के क्षेत्र लो लाइन एरिया में बाढ़ का खतरा बढ़ने से लोगों को निकालना शुरू कर दिया है. कोटा से झालावाड़ और झालावाड़ से बारां जाना बंद है. इसके साथ ही कोटा जिले के पीपल्दा उपखंड से भी संपर्क टूट गया है और सवाई माधोपुर का रास्ता भी बंद हो गया है. जिसके चलते लोग आवागमन नहीं कर पा रहे हैं.
कोटा संभाग के दो दर्जन से ज्यादा गांव टापू बन गए. जहां पर रेस्क्यू टीम ने लोगों को निकालना शुरू कर दिया है. वहीं कोटा संभाग में लोगों को निकालने के लिए सेना की मदद भी मांगी गई. साथ ही कोटा संभाग में दूसरी जगह से एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को बुलाया गया है. इसके अलावा हाड़ौती संभाग में करीब 25 टीमें लोगों को रेस्क्यू कर रही है.
सिरोही में बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त. नाव के सहारे लोगों को निकाला जा रहा: एसडीआरएफ ने इटावा गैंता के किरपुरिया गांव का रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है. नाव के सहारे ग्रामीणों को निकालकर गैंता स्कूल में शरण दिलाई जा रही है. जहां पर जिला प्रशासन की तरफ से कानूनगो हरगोविंद लोगों से समझाइश कर उन्हें बाहर निकाल रहे हैं. करीब 250 की आबादी इस गांव में है. इसके अलावा नोनेरा, नारायणपुरा व खरवन गांव भी भारी बारिश में टापू बने हुए हैं. इन इलाकों में कालीसिंध का पानी लोगों के घरों में पहुंच रहा है.
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चंबल नदी से भी पानी की निकासी बढ़ाकर करीब 6 लाख क्यूसेक तक होगी. इसके चलते लो लाइन एरिया के कई गांव क्षेत्र में डूब जाएंगे. जहां से लोगों को निकाला जा रहा है. साल 2019 में भी चंबल नदी से 709000 क्यूसेक पानी की निकासी कोटा बैराज से की गई थी. जिसके बाद नदीं के आस-पास के कई गांवों में तबाबी मच गई थी. ऐसे में वैसा ही अंदेशा देखते हुए प्रशासन ने इटावा उपखंड के कई गांवों को खाली करा रहा है.
प्रशासन ने लो लाइन एरिया में अलर्ट जारी किया:कोटा जिला प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी करते हुए कोटा जिले की सीमा में चंबल नदी के नजदीक लो लाइन एरिया में किसी भी व्यक्ति को नहीं जाने की हिदायत दी गई है. वर्तमान में कोटा बैराज के 14 गेट खोलकर 400000 क्यूसेक पानी निकाला जा रहा है.
धौलपुर में चंबल का रौद्र रूप. सांगोद क्षेत्र में बाढ़ जैसे हालात: सांगोद क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से नदी नाले उफान पर हैं. जिससे सांगोद में भी बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए. भीमसागर बांध के 5 गेट खोलकर उजाड़ नदी में लगातार पानी की निकासी की जा (Heavy Rain in Sangod) रही है. जिससे सांगोद में बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं. उजाड़ नदी का जलस्तर बढ़ने से दुकानदारों के साथ निचली बस्तियों में रह रहे लोगों की भी चिंता बढ़ गई है. दिनभर लोग नदी के जलस्तर पर निगाह रखे हुए हैं. उजाड़ नदी में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने सुबह ही हींगी स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर आवासीय स्कूल को भी खाली करवा दिया तथा यहां रह रही बालिकाओं व शिक्षकों को सांगोद पहुंचाया. साथ ही कैथून में चन्द्रलोही नदी में उफान व बाढ़ से कोटा-सांगोद वाया देवली मार्ग बंद हो गया. वहीं परवन में उफान से बारां-झालावाड़ मेगा हाईवे पर भी आवागमन ठप हो गया. कुंदनपुर क्षेत्र में उजाड़ व कालीसिंध नदी में पानी की आवक से नदी पार बसे एक दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क पंचायत मुख्यालय से कट गया है.
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बारां से छबड़ा छीपाबड़ौद का संपर्क कटा: छबड़ा गुगोर पार्वती वाया फतेहगढ़, छबड़ा से धरनावदा, छबड़ा से हिंगलोट वाया (Heavy Rain in Baran) कुंभराज, छबड़ा से छीपाबडौद, छबड़ा से कवाई सड़क मार्ग के बीच नदियों व पुलियाओं पर पानी आ जाने से बंद है. छबड़ा गुगोर पार्वती पर 6 से 7 फीट, पार्वती धरनावदा मार्ग पुलिया पर 7 से 8 फीट, छबड़ा छीपाबडौद मार्ग पर करीबन 4 फीट और छबड़ा सालपुरा मार्ग अंधेरी नदी पर 3 से 4 फीट पानी आ जाने से बंद है.
बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त. दो लोगों की मौत, छतों पर शरण:भीषण बाढ़ जैसे हालात में जल जनित हादसों में दो लोगों की मौत की खबर भी सामने आई है. बूंदी जिले के नैनवा इलाके के सुवासड़ा निवासी सत्य नारायण प्रजापत माताजी के एनीकट के नजदीक पानी के बहाव में फंस गया था. इसके चलते उसकी मौत हो गई है. दूसरी तरफ खेड़ी शेखापुर गांव में सोमवार शाम पार्वती नदी का उफान देखने जा रहे तीन युवक एक साथ उफनते नाले में बह गए. इनमें राजवीर व आसम मेघवाल नामक दो युवक पानी से सकुशल बाहर निकल लिए गए. लेकिन इकराम नामक युवक का 12 घंटे बाद भी कोई पता नहीं चला है. लेकिन प्रशासन की ओर से उसको बचाने के लिए सोमवार देर शाम तक नदी के उफान में रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू नहीं हो सका. हालांकि बड़े स्तर पर ग्रामीण वहां पर एकत्रित हो गए थे.
प्रदेश के ये रास्ते बाधित
- कोटा से झालावाड़ नेशनल हाईवे 52 दरा घाटी में पानी आने के चलते बंद है. यहां से छोटे वाहनों की निकासी नहीं की जा रही है. जबकि भारी और बड़े वाहन निकल रहे हैं.
- बारां झालावाड़ मेगा हाईवे पर बारां और कोटा जिले की सीमा में परवन नदी की पुलिया पर पानी आ जाने के चलते रास्ता बंद है.
- बारां झालावाड़ मेगा हाईवे पर ही खानपुर के नजदीक नाले का पानी हाईवे पर आ जाने के चलते रास्ता बंद है.
- कोटा से सांगोद मार्ग कैथून कस्बे में चंद्रलोई नदी का पानी आ जाने के चलते बंद है.
- कोटा से सवाई माधोपुर का संपर्क भी कटा हुआ है. बूंदी जिले के केशोरायपाटन कापरेन होते हुए सवाई माधोपुर जाने वाले मार्ग में लाखेरी के पहले मेज नदी की पुलिया पर पानी आ गया है.
- कोटा जिले से सवाई माधोपुर जाने वाले दूसरे रास्ते वाया इटावा खातौली भी बंद है. इस पर चंबल नदी की झरेल की पुलिया पर पानी आ गया. यह रास्ता पिछले 52 दिनों से बंद है.
- कोटा से मध्य प्रदेश का संपर्क भी कटा हुआ है.
- बारां जिले से मध्यप्रदेश के श्योपुर और बड़ौदा जाने वाले मार्ग पर पार्वती नदी की क्वांजापुर पुलिया पर पानी आ जाने के चलते बंद है.
- कोटा जिले से मध्यप्रदेश के श्योपुर जाने वाला मार्ग पार्वती नदी की पुलिया पर खातौली के नजदीक 36 फीट पानी आने के चलते बंद है.
- कोटा जिले से इटावा जाने वाला रास्ता भी कालीसिंध की पुलिया पर दीपरी में पानी आ जाने बन्द है.
- कोटा से सुल्तानपुर जाने वाला मार्ग मारवाड़ा चौकी पर नाले का पानी आ जाने के चलते बन्द है.
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धौलपुर के 80 गांवों में बाढ़ का खतराः चंबल में सहायक नदियों से पानी की आवक होने पर जिले के 80 गांवों पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है (Dholpur 80 villages under Threat). जिला कलेक्टर अनिल कुमार अग्रवाल ने बताया कि मध्य प्रदेश और हाड़ौती क्षेत्र में हुई बारिश के बाद गांधी सागर और काली सिंध से पानी को कोटा बैराज में रिलीज किया गया है (Chambal River In Dholpur).
कोटा बैराज से छोड़े गए पानी के चलते चंबल के जल स्तर में लगातार इजाफा हो रहा है. चंबल की सहायक नदियों का पानी भी प्रवेश (Flood Like situation in Dholpur) कर रहा है. इससे लगभग 10 लाख क्यूसेक पानी जिले से होकर गुजर रहा है. धौलपुर, बाड़ी, राजाखेड़ा एवं सरमथुरा क्षेत्र के 80 गांव में अलर्ट जारी किया है. सरमथुरा क्षेत्र के झिरी, दुर्गसी, शंकरपुरा समेत एक दर्जन और राजाखेड़ा क्षेत्र के अडवा पुरैनी, चिलपुरा, छाड़ियन का पुरा, घड़ी जाफर, डगरा, बर्सला समेत डेड दर्जन गांव में पानी भरना शुरू हो गया है. राहत और बचाव के लिए प्रशासन को तैनात किया गया है.
सिरोही में जनजीवन अस्त व्यस्तः सिरोही जिले में बारिश के कारण कई जगह जलभराव की स्थिति है. जिसके कारण आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. तलहटी से सिरोही की ओर जाने वाले मार्ग ओर ट्रॉमा सेंटर के बाहर नाले का पानी सड़क पर आ गया. इसके कारण वाहन चालकों को भी खासी परेशानी का सामना करना पड़ा. पानी की तेज बहाव में एक बाइक सवार फंस गया, जिसे मशक्कत के बाद निकाला जा सका. बारिश के बाद आबूरोड के मोरथला में पुल टूट कर बह गया. इसके चलते गांव का संपर्क (Bridge washed away in Sirohi) टूट गया. वहीं मानपुर हाउसिंग बोर्ड के बाहर एक निजी स्कूल की बस सड़क में धस गई. चालक ने सूझबुझ दिखाते हुए बस में सवार सभी बच्चों को नीचे उतारा. बस में 50 से ज्यादा बच्चे सवार थे.
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नदी नाले उफान पर:बारिश के बाद नदी नाले उफान पर हैं. बनास नदी, गोमती नदी, सियावा नदी, तलहटी से बहने वाला नाला, लनियापूरा नाला, झाबुआ नदी, बत्तीसा नाला सहित आबूरोड क्षेत्र के सभी नदी नाले उफान पर चल रहे हैं. भारी बारिश के बाद शहर में पुलिस ने घूमकर लोगों से पानी में न जाने की अपील की है. साथ ही जर्जर मकानों से दूर रहने, पेड़ों से दूर रहने की भी अपील की है.
उदयपुर में नादी, नाले उफान पर, कल स्कूलों में अवकाशः उदयपुर में झमाझम बारिश के कारण अब नदी-नाले सब उफान पर हैं. भारी वर्षा को देखते हुए उदयपुर जिले के समस्त निजी व सरकारी स्कूलों में 24 अगस्त को अवकाश रहेगा. मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी की ओर से आदेश जारी किए गए हैं. हालांकि बुधवार को शिक्षकों को आना होगा. उदयपुर में पिछले 24 घंटे से लगातार हो रही बारिश से मानसी वाकल बांध भी छलक गया.