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'मुझे कैंसर है, मम्मी-पापा को मत बताना', 6 साल के बच्चे की बात सुनकर रो पड़े डॉक्टर

जब हम छह साल के बच्चे को देखते हैं, तो हमें चमकती आंखें, शरारती मुस्कान, ऊर्जा का बोल्ट और जिज्ञासु मन दिखाई देता है. लेकिन यह कहानी है एक ऐसे बच्चे की जिसे पता है कि उसे कैंसर है और उसके पास बुहत ज्यादा जीवन बचा नहीं है. लेकिन वह अपने माता-पिता को दुखी नहीं देखना चाहता है और डॉक्टर से कहता है कि वह उनके माता पिता को यह बात ना बताए. पढ़ें पूरी खबर...

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प्रतिकात्मक तस्वीर

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Published : Jan 6, 2023, 11:54 AM IST

हैदराबाद: मनु की यह कहानी ठीक-ठीक किसी फिल्म की कहानी की तरह है जहां एक ही परिवार के लोग एक दूसरे से बीमारी छिपा रहे हैं. और यह समझ रहे हैं कि इस बारे में पता चलने पर उनको दुख नहीं हो. यह कहानी हैदराबाद के अपोलो अस्पताल में कार्यरत न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर सुधीर कुमार गुप्ता ने अपने ट्विटर एकाउंट के जरिए लोगों से साझा की. एक बच्चे ने अपनी बीमारी को लेकर मम्मी-पापा के लिए डॉक्टर से जो गुजारिश की वो सुनकर ना सिर्फ डॉक्टर बेहद भावुक हो गए बल्कि आपके आंखों में भी आंसू आ जाएंगे.

दरअसल हैदराबाद में एक 6 साल के मासूम बच्चे मनु को कैंसर जैसी घातक बीमारी हो गई. डॉक्टर सुधीर कुमार गुप्ता ने लिखा कि कुछ महीने पहले जब मैं ओपीडी में था.. एक युवा जोड़ा आया. उन्होंने कहा कि उनका छह साल का बेटा मनु बाहर है. मनु को कैंसर है. उन्होंने डॉक्टर से विनती की कि उन्हें यह न बताएं. उसके बाद वे मनु को ले आए. उसकी मेडिकल जांच रिपोर्ट की जांच करने पर पता चला कि बच्चे को चौथी स्टेज में खतरनाक ब्रेन कैंसर 'ग्लियोब्लास्टोमा मल्टीफोर्मी' है.

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कुछ महीनों से ज्यादा जीवित रहना मुश्किल है. दिमाग के बाएं हिस्से में हुए इस कैंसर की वजह से दायां हाथ और पैर लकवाग्रस्त हो गया. कुछ देर बाद मनु के कहने पर उसके माता-पिता बाहर चले गए. डॉक्टर सुधीर गुप्ता ने ट्विटर पर लिखा कि मनु को व्हीलचेयर पर लाया गया था, वह मुस्करा रहा था, आत्मविश्वास से भरा हुआ और स्मार्ट दिखाई दे रहा था. 6 साल के बच्चे ने मुझसे कहा कि मुझे ग्रेड 4 का कैंसर है और मैं केवल 6 महीने और जीऊंगा, मेरे माता-पिता को इस बारे में मत बताना, डॉक्टर मैंने आईपैड पर बीमारी के बारे में सब कुछ पढ़ा है और मुझे पता है कि मैं केवल 6 महीने और जीवित रहूंगा, लेकिन मैंने अपने माता-पिता को नहीं बताया है, क्योंकि वे परेशान हो जाते, वे मुझे बहुत प्यार करते हैं, कृपया उनके साथ बीमारी की जानकारी साझा न करें.

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छोटे बच्चे की अपनी चिकित्सा स्थिति की गंभीरता को समझने से हैरान, डॉक्टर ने बच्चे से वादा किया कि वह यह बात उसके माता पिता को नहीं बताएंगे. लेकिन फिर उन्होंने तय किया कि इस बारे में उसके माता-पिता से बात करेंगे. ताकि वास्तविक स्थिति से मुकाबला कर सकें. डॉक्टर ने कहा कि मैंने उसके माता-पिता को फोन किया और मनु और मेरे बीच हुई पूरी बातचीत साझा की. उन्होंने कहा कि मैंने मनु के माता-पिता से कहा कि वह मनु के सामने इस तरह से ही बरताव जैसे उन्हें इसके बारे में कुछ पता नहीं है. ताकि वह अपनी बची हुई जिंदगी खुशी के साथ बिता सके.

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जैसे ही दुखी माता-पिता को यह बात समझ में आई कि उनका बच्चा छह महीने और जीवित रहेगा, उन्होंने डॉक्टर को धन्यवाद दिया. इस घटना को नौ महीने बीत चुके थे. डॉक्टर इस बारे में भूल भी गये थे. एक दिन, मनु के माता-पिता उससे मिलने आए. उन्हें देखकर डॉक्टर ने मनु के बारे में पूछताछ की और पता चला कि मनु पिछले महीने दिसंबर 2022 में मरने से पहले आठ महीने तक जीवित रहा था. हालांकि, माता-पिता ने डॉ. कुमार का तहेदिल से शुक्रिया अदा किया.

उन्होंने डॉक्टर को बताया कि डॉक्टर, आपसे (आखिरी) मुलाकात के बाद मनु के साथ हमारा समय बहुत अच्छा बीता. वह डिज्नीलैंड घूमना चाहते थे और हम उनके साथ गए. हमने (हमारी) नौकरियों से अस्थायी छुट्टी ली और मनु के साथ क्वालिटी टाइम बिताया. हमने उसे एक महीने पहले खो दिया था. आज हम सिर्फ आपको धन्यवाद देने के लिए है कि आपने हमें वे आठ महीने सबसे अच्छे दिए. डॉ कुमार ने पूरे अनुभव को अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया. इस कहानी पर कई प्रतिक्रियाएं आईं. जबकि कुछ ने मनु की परिपक्वता की बात कही. कुछ ने कैंसर से किसी प्रियजन को खोने के अपने अनुभव को साझा किया.

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