नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने बाबा रामदेव की कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग करने वाली एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन की याचिका पर सुनवाई टाल दी है. जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने 30 अगस्त को सुनवाई करने का आदेश दिया.
पिछले 16 अगस्त को कोर्ट ने बाबा रामदेव को 24 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. पिछले 30 जुलाई को कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया था. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रुप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल सायंस को चुनौती दे रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि कि बाबा रामदेव काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी काफी लोगों तक पहुंच है. उनके बयान अपने प्रशंसकों को प्रभावित करते हैं.
पिछले 16 अगस्त को कोर्ट ने बाबा रामदेव को 24 घंटे के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था. पिछले 30 जुलाई को कोर्ट ने बाबा रामदेव को नोटिस जारी किया था. याचिका में कहा गया है कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रुप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल सायंस को चुनौती दे रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि कि बाबा रामदेव काफी प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उनकी काफी लोगों तक पहुंच है. उनके बयान अपने प्रशंसकों को प्रभावित करते हैं.
पिछले कुछ दिनों से बाबा रामदेव और एलोपैथी डॉक्टरों की संस्था आईएमए के बीच विवाद चल रहा है. बाबा रामदेव ने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान किया था, जिसके बाद आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने भी बाबा रामदेव को अपना बयान वापस लेने को कहा था. आईएमए ने बाबा रामदेव के खिलाफ लीगल नोटिस भी भेजा था. पिछले 1 जून को देश भर के एलोपैथी डॉक्टरों ने बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर काली पट्टी बांधकर काम किया था.