नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री पर पूर्ण पाबंदी लगाने की मांग वाली याचिका पर केंद्र को नोटिस जारी किया. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से तीन हफ्ते में जवाब मांगा है. इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगे पर आधारित विवादित वृत्तचित्र को लेकर भारत में ब्रिटिश बॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) पर पूर्ण पाबंदी लगाने की मांग कर रहे याचिकाकर्ताओं को अपनी याचिका को त्वरित सूचीबद्धता के लिए फिर से उल्लेख करने को कहा. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने याचिकाकर्ता के वकील को शुक्रवार को मामले का उल्लेख करने को कहा.
शीर्ष अदालत हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और किसान बीरेंद्र कुमार सिंह की याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें बीबीसी और उसके कर्मियों के विरूद्ध जांच की मांग की गयी है. याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि बीबीसी भारत सरकार के विरुद्ध भेदभावपूर्ण रहा है और नरेंद्र मोदी पर वृत्तचित्र भारत एवं उसके प्रधानमंत्री के बढ़ते वैश्विक कद के विरूद्ध एक गहरी साजिश का परिणाम है. तीस जनवरी को शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस विवादित वृत्तचित्र पर रोक लगाने के फैसले के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अगले सोमवार को सुनवाई करेगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बीबीसी की सीरीज में मोदी सरकार के देश की मुस्लिम जनसंख्या के प्रति रवैये, कथित विवादित नीतियां, कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के फैसले और नागरिकता कानून को लेकर भी सवाल उठाए गए हैं. इस संबंध में केंद्र सरकार ने गुजरात दंगों पर ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कार्पोरेशन (BBC) की डॉक्यूमेंट्री को 'प्रोपेगेंडा का हिस्सा' बताया है और कहा है कि वह ऐसी फिल्म का महिमामंडन नहीं कर सकती.