पटनाःहाईकोर्ट पटना ने उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक में100 करोड़ रुपये के घोटाले में सुनवाई की है. इस दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया. सोमवार को पटना हाईकोर्ट जस्टिस पीबी बैजन्त्री और जस्टिस जितेंद्र कुमार की खंडपीठ ने नवनीत कुमार की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई की है.
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साल 2022 का मामलाः याचिकाकर्ता के वकील शिव प्रताप ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता ने बैंक के वरीय अधिकारियों द्वारा किए गए घोटाले और भ्रष्टाचार की शिकायत राज्य सरकार के ईओयू से की थी. ईओयू ने 20 दिसम्बर 2022 को विस्तृत जांच के लिए ईडी को पत्र भेजा था. इस मामले में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के वकील ने जवाब दाखिल करने के लिए एक माह की मोहलत देने का कोर्ट से अनरोध किया था.
सीबीआई से जांच की मांगः सोमवार को सुनवाई में पटना हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के वकील की मांग को नामंजूर कर दिया है. केंद्र सरकार से दो सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के सीएमडी को भी दो सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया. गत वर्ष मार्च माह में मुजफ्फरपुर के कोर्ट के आदेश पर काजी मुहम्मदपुर थाना में 100 करोड़ रुपए घोटाले की प्राथमिकी दर्ज हुई थी, आवेदक ने हाई कोर्ट में अर्जी दायर कर पूरे मामले की जांच सीबीआई और ईडी से करवाने का अनुरोध कोर्ट से किया है.
क्या है मामलाः बता दें कि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के ऑडिटर नवनीत कुमार ने तीन साल पहले इस मामला को उजागर किया था. मुजफ्फरपुर के कई ब्रांच का ऑडिट कर बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी थी. बैक के सीनियर अधिकारी को रिपोर्ट भी सौंपी थी, जिसमें 100 करोड़ रुपए घोटाले की संभावना जताई थी. इस मामले में कार्रवाई के बदले ऑडिट ऑफिसर को ही सस्पेंड कर दिया गया था. इसके बाद नवनीत कुमार ने अधिवक्ता सुनिल कुमार के माध्यम से कोर्ट में मामला दर्ज किया था.
उल्टे ऑडिट ऑफिसर पर हुई कार्रवाईः कोर्ट के आदेश पर बैंक के तत्कालीन चेयरमेन सहित 8 अधिकारी पर केस दर्ज कराया गया था. लेकिन केस के आईओ ने बैंक के अधिकारी को क्लीन चिट देते हुए ऑडिट ऑफिसर पर ही कार्रवाई की अनुसंसा एसएसपी से कर दी थी. इसके बाद नवनीत कुमार ने 2022 में पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इसके बाद एसएसपी जयंतकांत ने इसे गंभीरता से लिया. और मुजफ्फरपुर के बैरिया ब्रांच में जांच कर 44 खातों में गड़बड़ी पाई थी, लेकिन एसएसपी का तबादला के बाद मामला ठंडा पड़ गया. इसी मामले में सोमवार को पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है.