पटना:बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादवके खिलाफ अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट में गुजरातियों को ठग कहने की शिकायत दर्ज कराई गई है. इस मामले में आज फिर सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई में अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट ने इस मामले में दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत जांच का आदेश दिया था. जिसमें अदालत पहले मानहानि की शिकायत की जांच करेगी और फिर जांच करेगी कि क्या शिकायतकर्ता और गवाहों के पक्ष में सबूतों पर विचार करके प्रथम दृष्टया मामला बनता है या नहीं.
Tejashwi Yadav Defamation Case: मानहानि केस में तेजस्वी यादव के खिलाफ सुनवाई आज, 'गुजरातियों को ठग' कहने का आरोप - Tejashwi Yadav Defamation Case
गुजरातियों को ठग कहने पर मानहानि के मुकदमे का सामना कर रहे बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ आज अहमदाबाद मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई होगी. अदालत इस मामले के गवाहों का परीक्षण करेगी, जिसके बाद मामले में आगे की कार्यवाही आगे बढ़ेगी.
तेजस्वी यादव के खिलाफ मानहानि का मुकदमा: शिकायत दर्ज कराने वाले हरेश मेहता ने एक निजी समाचार चैनल में तेजस्वी यादव को गुजरातियों के खिलाफ बयान देते हुए सुना और गुजराती होने के नाते उन्होंने भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए मानहानि का केस किया है. 21 मार्च को आईपीसी की धारी 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ था. मामले में पहली सुनवाई 1 मई को हुई थी. कोर्ट ने फरियादी पक्ष को मानहानि के मामले में सभी सबूत और गवाह पेश करने का निर्देश दिया.
तेजस्वी यादव के खिलाफ जारी हो सकता है समन: कोर्ट के इस निर्देश के मद्देनजर फरियादी पक्ष की ओर से इस मामले के गवाहों को भी कोर्ट में पेश किया जा सकता है. साथ ही जो भी सबूत हैं, उन्हें कल कोर्ट के सामने पेश किया जा सकता है. सबसे पहले मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट सभी गवाहों और सबूतों पर विचार करेगा. जांच करने के बाद कोर्ट तेजस्वी यादव के खिलाफ समन जारी कर आगे की कार्रवाई की जा सकती है.
क्या है पूरा मामला?:तेजस्वी यादव पर आरोप है कि उन्होंने बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान पटना में पत्रकारों से बात करते हुए 22 मार्च 2023 को गुजरातियों को ठग कहा था. अपने बयान में तेजस्वी ने कहा था, 'वर्तमान में जो हालात हैं, उसे देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग होते हैं और उनको माफ भी कर दिया जाता है.' ये बात उन्होंने तब कही थी, जब बैंकों का पैसा लेकर भागने वाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के रेड नोटिस को हटा दिया था. हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि सभी गुजरातियों को ठग नहीं कहा.