नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने कनाडा की कंपनी एसएनसी-लवलीन को ठेका देने से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और दो अन्य को आरोपमुक्त किए जाने के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर सुनवाई मंगलवार को स्थगित कर दी. यह मामला उस समय का है जब विजयन केरल के बिजली मंत्री थे.
अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू ने मामले में सुनवाई स्थगित किए जाने का अनुरोध किया, जिसके बाद न्यायमूर्ति यूयू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई छह अप्रैल तक टाल दी.
एसजी ने कहा, 'मैं दूसरी अदालत में एक मामले की सुनवाई में व्यस्त हूं. कृपया इस पर अगले सप्ताह सुनवाई करें.' पीठ अब छह अप्रैल को मामले पर सुनवाई करेगी.
भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है मामला
यह मामला विजयन जब 1996 में बिजली मंत्री थे, उस समय एसएनसी-लवलीन को एक ठेका देकर राज्य के खजाने को 374.50 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने और भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा है.
शीर्ष अदालत ने पूर्व में सीबीआई से एसएनसी-लवलीन भ्रष्टाचार मामले में विजयन और दो अन्य को आरोप मुक्त किए जाने के खिलाफ ठोस दलीलों के साथ आने को कहा था. उच्च न्यायालय और निचली अदालत ने आदेश दिया था कि मामले में उन पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए.
सीबीआई ने 2017 में याचिका दाखिल की और कहा कि वह मुद्दे के तथ्यात्मक पहलुओं पर समग्र नोट पेश करेगी.
हाई कोर्ट ने कहा था गलत तरीके से मामला दर्ज किया गया
केरल उच्च न्यायालय ने 23 अगस्त 2017 को एसएनसी-लवलीन भ्रष्टाचार मामले में विजयन को आरोप मुक्त किए जाने के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा था कि सीबीआई ने 'गलत तरीके से' उन पर मामला दर्ज किया क्योंकि प्रारंभिक नजर में उनके खिलाफ मामला नहीं बनता.
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उच्च न्यायालय ने मामले में दो अन्य को भी आरोपमुक्त किए जाने के फैसले को बरकरार रखा था और सीबीआई की याचिका खारिज कर दी जिसमें कहा गया था कि साजिश को साबित करने के लिए मुकदमा जरूरी है.