बक्सर :भारत सरकार के स्वास्थ्य परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे के संसदीय क्षेत्र के सदर अस्पताल से मानवता को शर्मसार कर देने वाली खबर सामने आई है. बताया जा रहा है कि सड़क हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति के शव का पोस्टमार्टम हुआ था. मृतक की सात वर्षीय बेटी और छह साल का बेटा जब पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने अस्पताल पहुंचे, तो स्वास्थ्य कर्मियों ने मासूम भाई-बहन से 2500 रुपये की मांग की. दोनों मासूम स्वास्थ्य कर्मियों के सामने गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन कर्मियों का दिल नहीं पसीजा.
कार्रवाई का आश्वासन
ईटीवी भारत के सवालों पर प्रभारी सिविल सर्जन डॉक्टर नरेश कुमार ने कहा, बच्चों से स्वास्थ्यकर्मी ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट देने के एवज में 2500 रुपये मांगने की खबर सामने आई है. जांच की जा रही है. दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
क्या है मामला
दरअसल, पिछले साल 26 दिसंबर को हरिपुर के रहने वाले राजुकमार यादव इटाढ़ी थाना क्षेत्र से दैनिक मजदूरी कर देर शाम अपने घर वापस लौट रहे थे, तभी रास्ते में ही स्कार्पियो सवार ने उन्हें कुचल दिया. राजुकमार यादव ने घटना स्थल पर ही दम तोड़ दिया. घटना के डेढ़ माह बीत जाने के बाद भी जब पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई तो मृतक की सात वर्षीय पुत्री प्रतिमा और छह वर्षीय पुत्र अभिषेक पोस्टमार्टम रिपोर्ट लेने सदर अस्पताल पहुंचे.
जहां ड्यूटी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों से जब उन्होंने पोस्टमार्टम रिपोर्ट की मांगी तो उसके एवज में स्वास्थ्य कर्मियों ने ढाई हजार रुपये की घूस मांगी. काफी देर तक बच्चों के गिड़गिड़ाने के बाद भी जब स्वास्थ्य कर्मियों ने उनकी एक न सुनी. उसी दौरान अस्पताल में मौजूद किसी व्यक्ति ने इस पूरे दृश्य को फेसबुक लाइव कर दिया, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मच गया.