नई दिल्ली:केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को संसद में केंद्रीय बजट 2022 पेश करेंगी. देश की स्वास्थ्य सेवा बिरादरी (healthcare fraternity) ने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के अलावा स्वास्थ्य क्षेत्र में धन आवंटन में वृद्धि करेगी.
स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं ने यह भी कहा कि सरकार को कर प्रोत्साहन जारी रखने के साथ-साथ सकल घरेलू उत्पाद के स्वास्थ्य क्षेत्र पर सार्वजनिक व्यय को बढ़ाने पर विचार करना चाहिए. वर्तमान कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं का मानना है कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के महासचिव डॉ. जयेश एम लेले ने ईटीवी भारत से कहा, 'जीडीपी की तुलना में स्वास्थ्य बजट बहुत कम है. हमें स्वास्थ्य बजट बढ़ाने की जरूरत है.' डॉ. लेले ने कहा, 'भारत में पहले से ही 150 करोड़ से अधिक मुफ्त टीके लगाए जा चुके हैं. किशोरों को टीकाकरण की मंजूरी के साथ सरकार को टीके मुफ्त में उपलब्ध कराने के लिए और फंड की जरूरत है.
पिछले साल, सरकार ने सिर्फ Covid19 वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ रुपये मंजूर किए थे. केंद्र सरकार ने 2021-22 के बजट में स्वास्थ्य के लिए 2020-21 के बजट की तुलना में 137 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 2.23 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए थे.
आईएमए ने ये दिए सुझाव
आईएमए ने कई बिंदुओं का सुझाव दिया है, जिन पर केंद्र सरकार को 2022 के बजट में ध्यान देने की आवश्यकता है. आईएमए ने कहा कि प्रत्येक नागरिक को आवश्यक प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं का हकदार होना चाहिए, जिसकी गारंटी केंद्र सरकार द्वारा दी जाएगी. आईएमए ने कहा, कोविद 19 महामारी के अनुभव में स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार घोषित करने का एक मजबूत मामला है.