नई दिल्ली : केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से बुधवार को अपील की कि वे कोविड-19 की वजह से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की कड़ाई से निगरानी करें ताकि वे समुदाय में संक्रमण का प्रसार नहीं कर सकें. केंद्र ने इसके साथ ही घर में ही जांच के लिए रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) किट के प्रति जागरूकता फैलाने का भी आह्वान किया ताकि समय से बीमारी का पता लगाया जा सके. केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे निगरानी करें और रोजाना जिले वार एसएआरआई (गंभीर श्वास संबंधी बीमारियों) और आईएलआई (इंफ्लुएंजा की बीमारी) के मामलों की जानकारी दें और इन बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के नमूनों को निर्धारित आईएनएसएसीओजी प्रायोगशाला आनुवंशिकी अनुक्रमण (जीनोम सिक्वेंसिंग) के लिए भेजें.
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक राज्यों को अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के अनुपात में जांच करने और सभी संक्रमितों (विदेश से आए यात्रियों)के आनुवंशिकी अनुक्रमण करने की सलाह दी गई है. साथ ही इंडियन सार्स-कोव-2 जिनोमिक कंस्टोरियम (आईएनएसएसीओजी) नेटवर्क के लिए स्थान की पहचान करने को कहा गया है ताकि पूर्ण आनुवंशिकी अनुक्रमण के लिए नमूनों को भेजा जा सके. केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को नौ राज्यों में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा करने के लिए बुलाई गई उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए ये निर्देश जारी किए. इस बैठक में केरल, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, असम, आंध्र प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश के हालात की समीक्षा की गई. बयान के मुताबिक इन राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं या संक्रमण दर में वृद्धि देखी गई है. इस बैठक में नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. विनोद पॉल भी मौजूद रहे.