स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को कैंसर उपचार के लिए असम मॉडल अपनाने के दिए निर्देश
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत के सभी राज्यों को कैंसर देखभाल और उपचार के लिए असम मॉडल को अपनाने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि राज्य में असम सरकार और टाटा ट्रस्ट का एक संयुक्त उद्यम है, जिसे असम कैंसर केयर फाउंडेशन के नाम से जाना जाता है.
कैंसर उपचार के लिए असम मॉडल
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Published : Aug 14, 2023, 10:06 PM IST
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारत के सभी राज्यों से कैंसर देखभाल और उपचार के लिए असम मॉडल अपनाने को कहा है. मंत्रालय ने हाल ही में असम कैंसर देखभाल मॉडल पर सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक पत्र भेजा है और राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने राज्य विशिष्ट अनुकूलन के अनुसार इसे लागू करने के लिए कहा है.
देश में कैंसर के इलाज के बुनियादी ढांचे के संबंध में मंत्रालय द्वारा किए गए अंतराल विश्लेषण में पाया गया है कि कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को कैंसर देखभाल उपचार के लिए बहुत कुछ करना है. असम सरकार और टाटा ट्रस्ट का संयुक्त उद्यम, असम कैंसर केयर फाउंडेशन, राज्य भर में फैले 17 कैंसर देखभाल अस्पतालों के साथ एक किफायती कैंसर देखभाल नेटवर्क बनाने के लिए डिस्ट्रीब्यूटेड कैंसर केयर मॉडल नामक एक परियोजना क्रियान्वित कर रहा है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, असम में कैंसर देखभाल और उपचार मॉडल हब एंड स्पोक मॉडल की तरह है, जो देश के सभी राज्यों में हब और स्पोक बनाकर व्यापक कैंसर देखभाल प्रदान करने का एक कुशल वितरण मॉडल है. टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) के अनुसार एक विशिष्ट हब एक तृतीयक देखभाल सुविधा है, जिसमें 250 बिस्तर हैं और 10 करोड़ की आबादी के लिए सभी विशिष्टताओं का ख्याल रखता है.
ऐसी सुविधा स्थापित करने की अनुमानित लागत 698 करोड़ रुपये है और सुविधा को पूरी तरह से चालू करने में लगभग 3-5 साल लगते हैं. एक विशिष्ट स्पोक 100-बेड वाली सुविधा है जो लगभग दो तिहाई कैंसर देखभाल स्पेक्ट्रम की देखभाल करती है. स्पोक स्थापित करने की अनुमानित लागत लगभग 382 करोड़ है और इसे 3-5 वर्षों में चालू किया जा सकता है. हब सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडियोथेरेपी, न्यूक्लियर मेडिसिन, प्रयोगशाला सेवाएं, ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन, प्रिवेंटिव ऑन्कोलॉजी और पैलिएटिव केयर के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं की मेजबानी करता है.
स्पोक जल निकासी आबादी में कैंसर के अनुमान के आधार पर निचले स्तर पर ऐसी सभी सुविधाओं की मेजबानी करता है और पांच करोड़ आबादी को सेवा प्रदान करता है. गौरतलब है कि आईसीएमआर ने इंडिया कैंसर रिसर्च कंसोर्टियम (आईसीआरसी) का गठन किया है, जिसमें कैंसर अनुसंधान में काम करने वाली सार्वजनिक और निजी संस्थाएं शामिल हैं. आईसीआरसी का ध्यान रोकथाम और महामारी विज्ञान सहित छह विषयगत क्षेत्रों के साथ भारत केंद्रित कैंसर पर है, जिसमें निदान, चिकित्सीय, बुनियादी जीव विज्ञान, उपशामक देखभाल और नवाचार शामिल हैं.
उल्लेखनीय है कि तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्र सुविधाओं (एनपीसीडीसीएस) को मजबूत करने के तहत 39 केंद्रों (20 टीसीसीसी और 19 एससीआई) को मंजूरी दी गई है. नए एम्स को भी कैंसर उपचार सुविधाओं के साथ मंजूरी दी गई है और 13 सरकारी मेडिकल कॉलेजों को कैंसर उपचार सुविधाओं के साथ अपग्रेड करने की मंजूरी दी गई है.