नई दिल्ली : स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि भारत में प्रतिदिन करीब 21 लाख कोरोना टेस्ट हो रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से रिकवर होने की दर बेहतर हुई है. केंद्र सरकार के मुताबिक कोरोना संक्रमण से उबरने की दर 90 फीसदी हो चुकी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि जिन लोगों ने दूसरी डोज में अलग वैक्सीन ली है, उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए. इससे बिल्कुल ही न घबराएं. हालांकि, उन्होंने कहा कि हमारा प्रोटोकॉल बहुत साफ है. दोनों वैक्सीन एक ही प्रकार के हों.
प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि भिन्न कोविड टीके की दूसरी खुराक लेने पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं होंगे, लेकिन जांच की जरूरत है. नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति कोविड टीके की पहली खुराक किसी एक कंपनी की और दूसरी खुराक अन्य कंपनी के टीके की लगवाता है तो किसी भी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है लेकिन दृढ़ राय पर पहुंचने के लिए अधिक जांच और समझ की जरूरत है.
यूपी में 20 ग्रामीणों को लगे अलग-अलग टीके
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश से इस तरह के मामले सामने आए थे. यहां पर 20 लोगों को दूसरी डोज में अलग वैक्सीन लगा दी गई थी. उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में स्वास्थ्य कर्मियों ने 20 ग्रामीणों को कोवैक्सीन की दूसरी खुराक लगा दी थी जबकि उन्हें कोविशील्ड की पहली खुराक दी गई थी.
मजबूत प्रतिरोधक क्षमता की दलील
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वीके पॉल ने कहा कि घटना की जांच की जाने की जरूरत है. उन्होंने कहा, 'यदि किसी को भिन्न कोविड-19 टीके की दूसरी खुराक दी जाती है तो किसी महत्वपूर्ण प्रतिकूल प्रभाव की संभावना नहीं है. असल में यह फैलाया जा रहा है कि दो भिन्न टीकों की खुराकें लेने से मजबूत प्रतिरोधक क्षमता मिल सकती है… लेकिन दृढ़ राय के लिए अधिक जांच और समझ की जरूरत है.'
दोनों खुराक एक ही टीके की हो
उत्तर प्रदेश की घटना पर टिप्पणी करते हुए पॉल ने कहा, 'भले ही यह हो गया है लेकिन व्यक्ति को चिंता नहीं करनी चाहिए. मैं सभी स्वास्थ्य कर्मियों से आग्रह करता हूं कि दोनों खुराकें एक ही टीके की दें.'