नई दिल्ली : देश में मेडिकल स्थिति में सुधार हो, इसके लिए जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा अस्पताल खुले. लेकिन ऐसा तभी संभव होगा, जब बड़े-बड़े अस्पताल भी इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. इसी विषय को लेकर सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने नई दिल्ली में बड़ी बैठक की. इसमें सरकार ने कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं.
देश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़े, इसके लिए सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. इसके अनुसार अब बड़े अस्पताल भी अपने मेडिकल कॉलेज खोल सकते हैं. सरकार उन्हें राहत प्रदान करेगी. उनके लिए कुछ प्रावधानों में छूट भी दी जा सकती है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने बड़े-बड़े अस्पताल प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में इन विषयों पर विचार किया.
इस बैठक में बड़े-बड़े अस्पतालों के 63 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. उन्होंने एमसीबीएस की सीटें बढ़ाने पर भी विचार किया. अस्पताल वालों की मांगें थीं कि उन्हें मेडिकल कॉलेज खोलने में पेपर वर्क की वजह से दिक्कतें आती हैं. मुख्य रूप से जमीन के कागजात को लेकर. सरकार ने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी इन समस्याओं पर सरकार गंभीरता से विचार करेगी और जो भी राहत संभव है, उन्हें वह प्रदान की जाएगी.
हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया कि वह निश्चित तौर पर नहीं चाहेगी कि मेडिकल एजुकेशन महंगी हो जाए और आम लोगों को दिक्कतें आए. बैठक में सरकार ने कहा कि मेडिकल एजुकेशन को अफोर्डेबल बनाने के लिए जो भी किया जा सकता है, इसका ध्यान रखा जाए. बदले में सरकार जो भी सुविधा और छूट बड़े अस्पतालों को दे सकती है, उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा.
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