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ओमीक्रोन पर वैक्सीन के प्रभाव पर स्टडी जारी : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 1 नवंबर को जीनोम अनुक्रमण (genome sequencing) के माध्यम से भारत में ओमीक्रॉन वायरस पाया गया था. दुनिया भर में, यह देखने के लिए टीकों का अध्ययन किया जा रहा है कि कौन से टीके वायरस के खिलाफ प्रभावी हैं.

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मनसुख मंडाविया

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Published : Dec 10, 2021, 12:19 PM IST

Updated : Dec 10, 2021, 3:53 PM IST

नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में कहा कि ओमीक्रोन पर वैक्सीन कितनी प्रभावी है, उसके लिए लैब में स्टडी की जा रही है. इसके बाद ही यह बताया जा सकता है कि वैक्सीन कितनी प्रभावी है. उन्होंने यह भी बताया कि जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए देश में 36 लैब उपलब्ध हैं. इनमें 30 हजार जीनोम सीक्वेंसिंग की जा सकती हैं. ये कैपेसिटी प्राइवेट लैब का उपयोग करके बढ़ाई भी जा रही है.

मनसुख मंडाविया का बयान

वहीं, सांसद एन.के. प्रेमचंद्रन ने देश की बूस्टर खुराक नीति के बारे में सवाल किया. इसके जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द 100% टीकाकरण हो जाए. भारत में टीके की पहली डोज़ 86% दी जा चुकी है. बाकी देशों की तुलना में भारत बहुत अच्छी स्थिति में है. बूस्टर डोज़ के लिए उन्होंने कहा कि देश में दो एक्सपर्ट ग्रुप हैं, उन्हीं की सलाह पर बूस्टर डोज़ उपलब्ध की जाएगी.

100% टीकाकरण पर मनसुख मंडाविया का बयान

डेल्टा के मुकाबले ओमीक्रोन कितना घातक है इसका जवाब देते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हमारे वैज्ञानिक रोज इसी विषय पर काम कर रहे हैं. बाकी देशों में ओमीक्रोन के क्या हालात हैं, वहां क्या किया जा रहा है, यहां के मरीज़ों में क्या लक्षण हैं, इनपर अभी स्टडी की जा रही है. स्टडी के बाद ही यह बताया जा सकता है कि ओमीक्रोन कितना खतरनाक है.

मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के लिए सरकार की बजटीय योजनाओं के बारे में पूछते हुए एक सांसद ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत केवल 84.13 करोड़ स्वीकृत हैं. यह राशि बहुत कम है. इसके जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती पवार ( Minister of State for Health Bharati Pravin Pawar) ने कहा कि कम से कम 4 लाख जिलों को राशि आवंटित की जा रही है. हमारे पास बेंगलुरु, असम और रांची में तृतीयक स्तर पर तीन संस्थान हैं, और उनके लिए आवंटित राशि लगभग 600 करोड़ रुपये है.

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उन्होंने COVID-19 के मद्देनजर बुजुर्ग लोगों के लिए मनोवैज्ञानिक मदद की स्थिति के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा कि सरकार ने मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए कई पहल की हैं. उन्होंने बताया कि हेल्पलाइन शुरू की गई और दिशानिर्देश जारी किए गए, और एक वेबसाइट भी शुरू की है. पवार ने सदन को बताया कि मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने के लिए दीक्षा मंच के माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया है.

Last Updated : Dec 10, 2021, 3:53 PM IST

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