नई दिल्ली: भारत में कोविड की स्थिति अभी भी नियंत्रण में है, लेकिन भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों ने शनिवार को विभिन्न देशों में फैलने वाले कोविड के नए वैरिएंट बीए.2.86 पिरोला को लेकर आगाह किया है. इस संबंध में एशियन सोसाइटी फॉर इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष और साउथ वेल्स विश्वविद्यालय के विजिटिंग प्रोफेसर डॉ. टैमोरिश कोले (Dr Tamorish Kole) ने कहा कि पिरोला वैरिएंट कोविड के अन्य वैरिएंट को पीछे छोड़ते हुए आगे निकल सकता है. इसके बारे में बताया जा रहा है कि यह वायरस 30 से ज्यादा म्युटेशन के साथ आया है जो पूर्व प्रमुख उप वैरिएंट XBB.1.5 से भिन्न होते हैं, जिन्हें क्रैकेन भी कहा जाता है.
उन्होंने कहा कि जबकि दुनिया भर में नए BA.2.86 वैरिएंट के केवल एक दर्जन मामले सामने आए हैं, इस वैरिएंट के लिए गहन निगरानी और सतर्कता की आवश्यकता है क्योंकि इसमें एंटीबॉडी से बचने की और भी अधिक क्षमता है. भले ही कोई हाल ही में संक्रमित हुआ हो या टीका लगाया गया हो. उन्होंने कहा कि जबकि दुनिया भर में नए BA.2.86 वैरिएंट के केवल एक दर्जन मामले सामने आए हैं, इस वैरिएंट के लिए गहन निगरानी और सतर्कता की आवश्यकता है क्योंकि इसमें एंटीबॉडी से बचने की और भी अधिक क्षमता है. भले ही कोई हाल ही में संक्रमित हुआ हो या टीका लगाया गया हो.
डॉ. कोले ने कहा कि अगर पिरोला वैरिएंट भारत में फैलता है तो बड़ी संख्या में भीड़ इकट्ठा होना चिंता का विषय होगा. उन्होंने कहा कि पिरोला के लक्षण किसी भी अन्य कोविड वैरिएंट की तरह ही हैं, जिनमें तेज बुखार, खांसी, सर्दी, गंध या स्वाद की अनुभूति का ना होना शामिल है. यह कहते हुए कि भारत में कोविड की स्थिति अभी भी नियंत्रण में है, डॉ. कोले ने कहा कि हमें इस नए वैरिएंट पर सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि ओमीक्रॉन एक ज्ञात संस्करण है और सिस्टम में बना हुआ है. कोले ने कहा कि निर्धारित सावधानियां ओमीक्रॉन संक्रमण से निपटने में मदद करेंगी. इस बीच, भारतीय सार्स कोव-2 कंसोर्टियम (INSACOG) ने दोहराया है कि ओमीक्रॉन और इसके उप वैरिएंट भारत में बने हुए हैं. हालांकि वैरिएंट XBB.1.16 का प्रसार भारत के विभिन्न हिस्सों में देखा गया है, जो अब तक 56.4 प्रतिशत संक्रमण के लिए जिम्मेदार है. जून के दूसरे सप्ताह तक एकत्र किए गए नमूनों में, अन्य एक्सबीबी उप-वंशों में वर्तमान संक्रमण का 43.6 प्रतिशत हिस्सा था.