प्रतापगढ़. जिले के सुहागपुरा के सकथल गांव स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में शुक्रवार को 49 बच्चों की अचानक तबीयत बिगड़ गई. सूचना पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और एंबुलेंस से सभी बच्चों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. सभी बच्चों की उम्र लगभग 5 साल से 11 साल है. स्थिति को देखते हुए तहसीलदार भंवरलाल चोपड़ा, प्रधान भरत पारगी समेत कई जनप्रतिनिधि सकथल पहुंचे और बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली.
आयरन की गोलियां खाने से बिगड़ी तबीयत :ग्रामीणों का आरोप है कि तीन दिन पहले स्कूल में सभी बच्चों को आयरन की गोलियां खिलाई गई थी. जिसके बाद से बच्चों की तबीयत खराब होने लगी. ग्रामीणों के अनुसार 49 बच्चों को आयरन की गोलियां दी गईं थी. शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे 30 बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी थी. जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों ने बताया कि मंगलवार को स्कूल में बच्चों को आयरन की गोली दी गई थी. जिसके बाद से ही शाम को बच्चों को हल्का बुखार आया था. बुधवार को भी तबीयत में सुधार नहीं हुआ. वहीं गुरुवार शाम से बच्चों की हालत ज्यादा खराब होने लगी थी.
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जिला चिकित्सालय में उपचार जारी:बीमार हुए बच्चों को जिला चिकित्सालय के शिशु चिकित्सा इकाई वार्ड में भर्ती (Children admitted due to sudden sickness in Pratapgarh) कराया गया है. वहीं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. धीरज सेन ने बताया कि बच्चों को उल्टी-दस्त और जी घबराने की शिकायत है.
पोषाहार और पानी का लिया सैंपल: चिकित्सा विभाग नेमामले में देखते हुए विद्यालय में पोषाहार और पेयजल का सैंपल लिया है. सुहागपुरा तहसीलदार भंवरलाल चोपड़ा ने बताया कि सकथल गांव के उच्च प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने वाले करीब 49 बच्चों के बीमार होने की सूचना मिली है. जिसके बाद यहां पर पोषाहार और पानी का सैंपल लिया है. बच्चों के बीमार होने के कारण का पता लगाया जाएगा. चिकित्सा विभाग की मेडिकल टीम भी मामले की जांच कर रही है.
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इस मामले में उप मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जगदीप खराड़ी ने बताया कि सकथल गांव में बच्चों की तबीयत खराब होने पर बच्चों को जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है. विभाग की टीम ने गांव जाकर विद्यालय में खाने और पानी के सैंपल लिए हैं. बारिश के मौसम में पानी में भी संक्रमण होने की संभावना बढ़ जाती है. सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही वस्तुस्थिति बताई जा सकेगी. फिलहाल सभी बच्चों का जिला अस्पताल में इलाज जारी है.