नई दिल्ली : दस हवाई अड्डों पर दुभाषिए और विशेष डेस्क, एक बहुभाषी पोर्टल और सरलीकृत वीजा मानदंड चिकित्सा पर्यटन को बढ़ावा देने के वास्ते सरकार की 'हील इन इंडिया' पहल का मुख्य आकर्षण होने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) 15 अगस्त को इस पहल की घोषणा कर सकते हैं और स्वास्थ्य मंत्रालय विदेशी मरीजों की सुगमता के लिए इसके विभिन्न पहलुओं और उपायों को अंतिम रूप दे रहा है.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सरकार ने 44 देशों की पहचान की है जहां से बड़ी संख्या में लोग चिकित्सा उद्देश्यों के लिए भारत आते हैं, इन देशों में इलाज की लागत और गुणवत्ता को भी ध्यान में रखा गया है. उन्होंने बताया कि ये मुख्य रूप से अफ्रीकी, लातिन अमेरिकी, सार्क और खाड़ी देश हैं. सूत्रों ने कहा कि 10 चिन्हित हवाई अड्डों- दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, कोलकाता, विशाखापत्तनम, कोच्चि, अहमदाबाद, हैदराबाद और गुवाहाटी में इन 44 देशों के मरीजों की संख्या ज्यादा है.
सूत्रों में से एक ने बताया, 'चिकित्सा यात्रा को बढ़ावा देने और मरीज यात्रा की सुविधा प्रदान करने के लिए, सरकार भाषा दुभाषियों को तैनात करेगी और चिकित्सा यात्रा, परिवहन, बोर्डिंग आदि से संबंधित प्रश्नों के लिए 10 चिन्हित हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य डेस्क स्थापित करेगी.' एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि अनुमानों के अनुसार, चिकित्सा पर्यटन बाजार, जिसका मूल्य 2020 के वित्तीय वर्ष में छह अरब अमेरिकी डॉलर था, के दोगुने से अधिक और 2026 तक 13 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के सहयोग से एक बहुभाषी पोर्टल विकसित किया है जो विदेशी मरीजों के लिए विभिन्न सेवाओं के लिए 'वन-स्टॉप शॉप' होगी. पोर्टल की 15 अगस्त को शुरुआत होने की भी संभावना है. मंत्रालय ने 12 राज्यों-दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पंजाब, तमिलनाडु, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और असम के 17 शहरों में 37 अस्पतालों में बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की योजना भी तैयार की है.