पटनाः वरीय पुलिस अधिकारियों द्वारा पुराने अंगरक्षक को रखने परबिहार पुलिसमुख्यालय ने नाराजगी जताई है. पुलिस मुख्यालय ने साफ तौर पर कहा है कि यह प्रवृत्ति सही नहीं है. दरअसल, पुलिस मुख्यालय को लगातार फीडबैक मिल रहा है कि कई अफसर तबादले के बाद भी अपने बॉडीगार्ड को साथ ले जाते हैं. वरीय पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर होने पर अपने पुराने बॉडीगार्ड और ड्राइवर साथ रखने की परंपरा बहुत पुरानी है. जिसको लेकर पुलिस मुख्यालय ने कड़ी आपत्ति जताई है.
एडीजी पुलिस मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी जिलों और वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. जो भी अधिकारी ऐसा करेंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी. कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की कैटेगरी में ज्यादा वक्त तक के लिए सिक्यूरिटी देने का प्रावधान भी है.'
पुलिस मुख्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पुलिस मुख्यालय के द्वारा सभी जिले के एसपी, आईजी और डीआईजी के साथ डीजीपी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की. इसमें उन्होंने पुराने बॉडीगार्ड को बनाए रखना को लेकर आपत्ति जाहिर की है. यहीं नहीं, पुलिस मुख्यालय ने ऐसे मामलों पर भी नाराजगी जताई है, जिसमें पुलिसकर्मियों को किसी कारण से एसपी द्वारा हटाया जाता है और उन्हें रेंज के आईजी और डीआईजी कार्यालय में पदस्थापित कर दिया जाता है.
बता दें कि ऐसा पुलिस अधिकारी ही नहीं कई विधायक और मंत्री करते हैं. सत्ता से हटने के बावजूद भी वे अपने चहेते बॉडीगार्ड को अपने साथ रखते हैं. बिहार के डीजीपी संजीव कुमार सिंघल ने वरीय अफसरों को ऐसा करने से बचने की सलाह दी है. कुछ अफसर ऐसे भी हैं जो बॉडीगार्ड नहीं बदलना चाहते हैं. जिस वजह से तबादले के बाद भी वह अपने बॉडीगार्ड को साथ ही रखना चाहते हैं. यह सब काफी वर्षों से चलता आ रहा है. इस प्रक्रिया को पुलिस मुख्यालय खत्म करना चाहती है.