कांकेर पीजी कॉलेज में फायरिंग कांकेर:एसपी शलभ सिन्हा ने घटना के बारे में बताया " स्ट्रॉंग रूम में सीएएफ के जवान तैनात है. उसमें सुबह सुबह सूचना मिली कि एक आरक्षक ने आपसी विवाद के कारण प्रधान आरक्षक पर गोली चलाई है. पुलिस और बीएसएफ की टीम पहुंची. मौके पर काउंसलिंग कर आरक्षक को कस्टडी में लिया गया है. शुरुआत में यहीं बात सामने आ रही है कि कुछ इनके बीच विवाद हुआ जिसके बाद आवेश में आकर घटना को अंजाम दिया. अभी जांच जारी है. आरक्षक की मानसिक स्थिति इस समय ठीक नहीं है. घबराया हुआ है. विस्तृत काउंसलिंग की जा रही है. "
जवानों के बीच फायरिंग को लेकर अक्सर ये बात सामने आती है कि जवान मानसिक रूप से तनाव में था. सरकार का दावा है कि जवानों को तनावमुक्त करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं लेकिन सरकार के दावे उस समय फेल हो रहे हैं जब बीच बीच में जवानों की खुद पर या साथी जवानों पर गोलीबारी की घटना सामने आती है. जवान या तो खुद अपनी जिंदगी खत्म कर रहे हैं या फिर साथी जवान की जान ले रहे हैं. कांकेर में भी ऐसा ही कुछ हुआ. सीएएफ 11 सी बटालियन में आरक्षक पद पर तैनात जवान ने अपनी सीनियर हैड कॉन्सटेबल के सिर पर गोली मार दी. जिससे सुरेंद्र सिंह की मौके पर ही मौत हो गई. इस घटना के बाद भी ये बात सामने आई कि आरक्षक बीमार था और कुछ दिनों से मानसिक तनाव में था. firing in kanker pg college
DRG jawan martyred in Jagdalpur बीजापुर के मिरतुर में नक्सली हमले में घायल डीआरजी जवान जगदलपुर में शहीद
14 साल में राज्य पुलिस के 91 तो अर्द्धसैनिक बल के 48 जवानों ने की आत्महत्या: साल 2021 में मिले आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2007 से 2021 तक 139 जवानों ने आत्महत्या की है. इनमें वह आंकड़ा भी शामिल है, जिसमें जवानों ने अपने ही साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी है. इनमें 91 जवान राज्य पुलिस के हैं जबकि 48 अर्द्धसैनिक बल के. सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले बस्तर संभाग (Most cases of suicide of soldiers in Bastar) के सामने आए हैं. आंकड़ों की मानें तो छत्तीसगढ़ में तैनात राज्य पुलिस व अर्धसैनिक बलों के औसतन 10 जवान हर साल डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या कर (Average every year in Chhattisgarh 10 jawans committing suicide due to depression) रहे हैं.
लगातार बढ़ रहे हैं जवानों की खुदकुशी और आत्मघाती कदम के मामले:सुरक्षाबल सूत्रों की मानें तो साल 2020 से लेकर 2021 सितंबर महीने तक सीआरपीएफ में जवानों के अंदर सुसाइड और आत्मघाती कदम के 101 मामले दर्ज किये गए हैं. यह संख्या 2017, 2018 और 2019 को मिलाकर 116 मामलों की तुलना में चौंकाने वाली हैं. 2020 में CRPF में आत्महत्या के 60 मामले मिले. जबकि इस साल 41 ने खुदकुशी कर ली. साल 2018 और 2019 में यह आंकड़ा क्रमश: 36 और 42 था.