दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

हाईकोर्ट ने ‘पावर ऑफ अटॉर्नी’ के मार्फत संपत्ति रखने के खिलाफ दायर याचिका खारिज की - holding property through power of attorney

दिल्ली हाईकोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया, जिसमें दिल्ली पुलिस को निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि संपत्ति के मालिकाना हक के तौर पर 'पावर ऑफ अटॉर्नी' को स्वीकार नहीं करे. पढ़ें पूरी खबर..

हाईकोर्ट
हाईकोर्ट

By

Published : Jul 15, 2021, 4:10 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय ( Delhi High Court) ने उस याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया, जिसमें दिल्ली पुलिस को निर्देश देने का आग्रह किया गया था कि संपत्ति के मालिकाना हक के तौर पर 'पावर ऑफ अटॉर्नी' ( power of attorney) को स्वीकार नहीं करे.

मुख्य न्यायाधीश डी. एन. पटेल ( Chief Justice DN Patel) और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह (Justice Jyoti Singh) की पीठ ने वकील और याचिकाकर्ता से पूछा, ' आप चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस घर-घर जाकर सर्वेक्षण करे?'

याचिका दायर करने वाले वकील मनोहर लाल शर्मा ने कहा कि दिल्ली पुलिस को जब शिकायत मिलती है कि किसी व्यक्ति ने 'पावर ऑफ अटॉर्नी' के आधार पर संपत्ति रखी है तो उसे कार्रवाई करनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि 'पावर ऑफ अटॉर्नी' अवैध दस्तावेज है और अगर किसी व्यक्ति ने इसके आधार पर कोई संपत्ति रखी है तो उस पर भारतीय दंड संहिता और कालाधन कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए.

अदालत ने शर्मा से कहा कि वह या तो याचिका वापस ले लें अन्यथा उन पर वह जुर्माना लगाएगी.

अदालत ने कहा, 'हम नोटिस जारी करना नहीं चाहते हैं. हम वकील पर जुर्माना नहीं लगाना चाहते हैं.'

यह भी पढ़ें- आजादी के 75 साल बाद भी राजद्रोह कानून की जरूरत क्यों : सुप्रीम कोर्ट

इसके बाद वकील ने याचिका वापस ले ली.

याचिका में कहा गया कि 'पावर ऑफ अटॉर्नी' के माध्यम से बिक्री काला धन छुपाने और कर से बचने के लिए होता है जो गंभीर अपराध है. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि जांच में उन्होंने पाया कि 'पावर ऑफ अटॉर्नी' के माध्यम से बिचौलिए काफी संख्या में बेनामी संपत्ति खरीदते हैं और इसका इस्तेमाल वे किराये के व्यवसाय में करते हैं

(पीटीआई भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details