नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति के तहत शराब के सेवन की उम्र कम किए जाने के खिलाफ दायर नई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को 17 सितंबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी.
दिल्ली हाई कोर्ट में यह याचिका कम्युनिटी अगेंस्ट ड्रंकेन ड्राइविंग नाम के एनजीओ ने दायर की है. सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वकील राहुल मेहरा ने कहा कि याचिका दायर कर कहा गया है कि शराब पीने की न्यूनतम उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल करने का फैसला गैरकानूनी है. ऐसा कर वे शैडो बॉक्सिंग कर रहे हैं ताकि इस योजना को रोका जा सके. तब कोर्ट ने पूछा कि आपने शराब पीने की न्यूनतम उम्र किस मकसद से घटाई. इसका जवाब देते हुए सरकार के वकील ने बताया कि पड़ोसी राज्यों में भी ये उम्र घटाई गई है. कुछ राज्यों में तो इससे भी कम उम्र है. मेहरा ने कहा कि शराब पीकर गाड़ी चलाना गैरकानूनी है. इसलिए उम्र घटाई जाए या नहीं ये मायने नहीं रखता है.
दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि याचिकाकर्ता का नाम है कम्युनिटी अगेंस्ट ड्रंकेन ड्राइविंग. इसका मतलब है कि वे शराब पीकर वाहन चलाने के विरोधी हैं. इससे शराब पीने की न्यूनतम उम्र घटाने का कोई संबंध नहीं है. सिंघवी ने कहा मतदान की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष है. ऐसे में अगर यह मांग की जाए कि 18 वर्ष के ऊपर के लोग शराब नहीं पी सकते तो ये आश्चर्य की बात है.
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