नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को निर्वाचन आयोग (ईसी) को उस याचिका पर जवाब दाखिल करने का समय दिया, जिसमें आयोग द्वारा कोविड-19 महामारी के मद्देनजर जारी मास्क पहनने सहित अनिवार्य दिशानिर्देशों का बार-बार उल्लंघन करने वाले प्रचारकों और उम्मीदवारों को प्रचार करने से प्रतिबंधित करने का अनुरोध किया गया है.
निर्वाचन आयोग ने कहा कि याचिका अब व्यर्थ है, क्योंकि यह असम, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनावों में प्रचार के संबंध में थी जो अप्रैल में समाप्त हो गए थे.
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने निर्वाचन आयोग को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया और मामले को 18 अक्टूबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
अदालत उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और थिंक टैंक 'सेंटर फॉर एकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज' (सीएएससी) के अध्यक्ष विक्रम सिंह की एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें कहा गया था कि केंद्र और निर्वाचन आयोग के आदेशों और दिशानिर्देशों के बावजूद कोविड-19 नियमों की परवाह किए बिना चुनाव प्रचार जोरों पर चल रहा है.
याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता विराग गुप्ता ने कहा कि निर्वाचन आयोग यह नहीं कह सकता कि याचिका का अब कोई औचित्य नहीं रह गया है और उनका आवेदन भी इस मामले में लंबित है. निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता सिद्धांत कुमार ने कहा कि याचिकाकर्ता जांच की मांग कर रहे हैं, जबकि दिल्ली में कोई चुनाव नहीं हो रहा था, जहां याचिका दाखिल की गई थी.